Enhancing Teaching Learning Processes in Hindi

Enhancing-Teaching-Learning-Processes-in-Hindi

Enhancing Teaching Learning Processes in Hindi

KVS सिलेबस के अंदर एक टॉपिक है जिसका नाम है | Understanding Teaching Learning | Enhancing Teaching Learning Processes in Hindi or Enhancing Teaching Learning processes: Classroom Observation and Feedback, Reflections and Dialogues as a means of constructivist teaching In Hindi PDF Notes Download, यह उसी का एक point है | हम आज के इन नोट्स में इसे कवर करेंगे और हमारा अगला टॉपिक Concept of Diversity/Disability/Inclusion होगा | हम आपको संपूर्ण नोट्स देंगे जिन्हें पढ़कर आप अपना कोई भी Teaching Exam पास कर सकते हैं तो चलिए शुरू करते हैं बिना किसी देरी के |

Note:-


“Enhancing Teaching and Learning through Classroom Observation, Feedback, Reflections, and Dialogues in a Constructivist Approach”

(“रचनात्मक दृष्टिकोण में कक्षा अवलोकन, प्रतिक्रिया, प्रतिबिंब और संवाद के माध्यम से शिक्षण और सीखने को बढ़ाना”)

 

  1. कक्षा अवलोकन (Classroom Observation): पाठ के दौरान कक्षा की बातचीत और छात्र की व्यस्तता का अवलोकन शिक्षण विधियों की प्रभावशीलता और सुधार के क्षेत्रों की पहचान करने में मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान कर सकता है।
  2. प्रतिक्रिया (Feedback): छात्रों और शिक्षकों दोनों को कक्षा में उनके प्रदर्शन पर प्रतिक्रिया प्रदान करने से सीखने के परिणामों में सुधार करने और छात्रों की व्यस्तता बढ़ाने में मदद मिल सकती है।
  3. प्रतिबिंब (Reflections): शिक्षकों और छात्रों को अपने स्वयं के सीखने के अनुभवों को प्रतिबिंबित करने के लिए प्रोत्साहित करने से सुधार के क्षेत्रों की पहचान करने और सामग्री की गहरी समझ को बढ़ावा देने में मदद मिल सकती है।
  4. संवाद (Dialogues): शिक्षकों, छात्रों और अन्य हितधारकों के बीच संवाद को सुविधाजनक बनाने से सहयोगी सीखने का माहौल बनाने और सीखने की प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी को बढ़ावा देने में मदद मिल सकती है।
  5. रचनावादी शिक्षण (Constructivist teaching): रचनावादी शिक्षण दृष्टिकोण में इन विधियों का उपयोग करना, जो सक्रिय सीखने और छात्र-केंद्रित निर्देश पर जोर देता है, सामग्री की गहरी समझ और प्रतिधारण को जन्म दे सकता है।

उदाहरण: एक शिक्षक कक्षा अवलोकन का उपयोग यह पहचानने के लिए करता है कि छात्र भिन्नों के पाठ में पूरी तरह से व्यस्त नहीं हैं। फिर वे छात्रों को उनकी समझ पर प्रतिपुष्टि प्रदान करते हैं और उन्हें अपनी शिक्षा पर चिंतन करने के अवसर प्रदान करते हैं। शिक्षक सीखने की प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग लेने में मदद करने के लिए छात्रों और अन्य हितधारकों के बीच संवाद की सुविधा भी देता है। यह दृष्टिकोण रचनावादी शिक्षण के साथ संरेखित करता है और छात्रों को सामग्री की गहरी समझ हासिल करने में मदद करता है।


  • Classroom Observation – Interaction Analysis (कक्षा अवलोकन – सहभागिता विश्लेषण/अंतःक्रिया विश्लेषण)
  • FLANDER’S INTERACTION ANALYSIS CATEGORY SYSTEM (FIACS) (फ़्लैंडर्स इंटरेक्शन विश्लेषण श्रेणी प्रणाली (FIACS))
  • GALLOWAY’S INTERACTION ANALYSIS CATEGORY SYSTEM (गैलोवे की सहभागिता विश्लेषण श्रेणी प्रणाली)

FLANDER’S INTERACTION ANALYSIS CATEGORY SYSTEM (FIACS)

(फ़्लैंडर्स इंटरेक्शन विश्लेषण श्रेणी प्रणाली (FIACS))

फ़्लैंडर्स इंटरेक्शन एनालिसिस (FIA) एक श्रेणी प्रणाली है जिसका उपयोग सामाजिक सेटिंग में व्यक्तियों के बीच बातचीत का विश्लेषण करने के लिए किया जाता है, यह बातचीत को चार प्रकारों में वर्गीकृत करता है: भावात्मक (भावनाएँ और भावनाएँ), व्यवहार (क्रियाएँ और व्यवहार), संज्ञानात्मक (विचार और समझ), और भाषा (मौखिक और अशाब्दिक संचार)। उदाहरण: छात्रों की एक कक्षा को भिन्न का पाठ पढ़ाने के लिए उत्साह, इशारों, प्रश्नों और विशिष्ट शब्दावली का उपयोग करते हुए एक शिक्षक।

Main Points (मुख्य बिंदु):

  1. फ़्लैंडर्स इंटरेक्शन एनालिसिस कैटेगरी सिस्टम (FIACS) (Flander’s Interaction Analysis Category System (FIACS)): फ़्लैंडर द्वारा विकसित, इस प्रणाली का उपयोग कक्षा निर्देश के दौरान शिक्षकों और छात्रों के बीच बातचीत का अध्ययन करने के लिए किया जाता है।
  2. मिनेसोटा विश्वविद्यालय में विकसित (Developed at the University of Minnesota): फ्लैंडर और अन्य ने इस प्रणाली को मिनेसोटा विश्वविद्यालय, यू.एस.ए. में 1955 और 1960 के बीच विकसित किया।
  3. मौखिक व्यवहार की 10 श्रेणियां (10 Categories of Verbal Behavior): प्रणाली कुल मौखिक व्यवहार को 10 श्रेणियों में वर्गीकृत करती है, जिसमें शिक्षक की बातचीत, छात्र की बातचीत और मौन या भ्रम शामिल हैं।
  4. शिक्षक वार्ता (Teacher Talk): इस श्रेणी में शिक्षक द्वारा शुरू की गई सभी मौखिक बातचीत शामिल होती है, जैसे निर्देश, प्रश्न और प्रतिक्रिया।
  5. छात्र वार्ता (Student Talk): इस श्रेणी में छात्रों द्वारा शुरू की गई सभी मौखिक बातचीत शामिल होती है, जैसे कि प्रश्न, टिप्पणियाँ और शिक्षक के संकेतों पर प्रतिक्रियाएँ।
  6. मौन या भ्रम (Silence or Confusion): इस श्रेणी में सभी अशाब्दिक अंतःक्रियाएं शामिल हैं, जैसे निर्देश के दौरान छात्रों की चुप्पी या भ्रम।
  7. विश्लेषण (Analysis): प्रणाली कक्षा की बातचीत का विश्लेषण करने और शिक्षक और छात्र व्यवहार में पैटर्न की पहचान करने के लिए एक रूपरेखा प्रदान करती है, जो निर्देश को सूचित कर सकती है और सीखने के परिणामों में सुधार कर सकती है।

उदाहरण: एक शिक्षक अपनी कक्षा की बातचीत का अध्ययन करने के लिए फ़्लैंडर्स इंटरेक्शन एनालिसिस कैटेगरी सिस्टम (FIACS) का उपयोग करता है। वे मौखिक व्यवहार की 10 श्रेणियों में से प्रत्येक पर खर्च किए गए समय के अनुपात का विश्लेषण करते हैं। उन्होंने पाया कि शिक्षक ने अधिकांश समय शिक्षक की बातों पर, छात्रों की बातों पर कम और मौन या भ्रम की स्थिति में सबसे कम बिताया। फिर वे इस जानकारी का उपयोग अपने निर्देश को समायोजित करने के लिए करते हैं और सुनिश्चित करते हैं कि छात्र कक्षा में अधिक सक्रिय रूप से शामिल हैं, जिससे उनकी समझ और सीखने के परिणामों में सुधार होता है।


10 CATEGORIES of FIACS
(FIACS की 10 श्रेणियां)

1. शिक्षक वार्ता (Teacher Talk): इस श्रेणी में शिक्षक द्वारा शुरू की गई सभी मौखिक बातचीत शामिल हैं।

A) अप्रत्यक्ष बातचीत (Indirect Talk): इस उपश्रेणी में ऐसे संवाद शामिल हैं जो सीधे तौर पर सिखाई जा रही सामग्री से संबंधित नहीं हैं, जैसे कि – भावनाओं को स्वीकार करना, प्रशंसा या प्रोत्साहन देना, विद्यार्थियों के विचारों को स्वीकार करना या उनका उपयोग करना और प्रश्न पूछना।

  • श्रेणी 1 (Category 1): भावनाओं को स्वीकार करता है (Accepts Feelings): शिक्षक छात्रों की भावनाओं को स्वीकार करता है और मान्य करता है, उदाहरण के लिए, “मैं समझता हूं कि यह आपके लिए निराशाजनक हो सकता है।”
  • श्रेणी 2 (Category 2): प्रशंसा या प्रोत्साहन (Praise or Encouragement): शिक्षक सकारात्मक प्रतिक्रिया प्रदान करता है और छात्रों को प्रोत्साहित करता है, उदाहरण के लिए, “उस समस्या पर बहुत अच्छा काम, इसे जारी रखें।”
  • श्रेणी 3 (Category 3): विद्यार्थियों के विचारों को स्वीकार या उपयोग करता है (Accepts or Uses ideas of Pupils): शिक्षक पाठ में छात्रों के विचारों और सुझावों को शामिल करता है, उदाहरण के लिए, “यह एक दिलचस्प बिंदु है, आइए इसे आगे देखें।”
  • श्रेणी 4 (Category 4): प्रश्न पूछना (Asking Questions): शिक्षक छात्र की सोच और भागीदारी को उजागर करने के लिए प्रश्न करता है, उदाहरण के लिए, “क्या कोई समझा सकता है कि वे उस उत्तर तक कैसे पहुंचे?”

B) डायरेक्ट टॉक (Direct Talk): इस उपश्रेणी में ऐसी बातचीत शामिल होती है जो सीधे तौर पर सिखाई जा रही सामग्री से संबंधित होती है, जैसे व्याख्यान देना, निर्देश देना और अधिकार की आलोचना करना या उसे सही ठहराना।

  • श्रेणी 5 (Category 5): व्याख्यान/व्याख्यान (Lecturing/Lecture): शिक्षक जानकारी प्रदान करता है या अवधारणाओं की व्याख्या करता है, उदाहरण के लिए, “आज हम प्रकाश संश्लेषण के बारे में जानेंगे।”
  • श्रेणी 6 (Category 6): निर्देश देना (Giving Directions): शिक्षक किसी कार्य के लिए निर्देश या रूपरेखा चरण प्रदान करता है, उदाहरण के लिए, “पहले, हम इस गद्यांश को पढ़ेंगे, फिर प्रश्नों का उत्तर देंगे।”
  • श्रेणी 7 (Category7): सत्ता की आलोचना या औचित्य (Criticizing or Justifying Authority): शिक्षक ऐसे बयान देता है जो शिक्षक या सामग्री के अधिकार को मजबूत या चुनौती देता है, उदाहरण के लिए, “शिक्षक के रूप में, मुझे पता है कि यह सही उत्तर है।”

2. छात्र वार्ता (Pupil Talk:): इस श्रेणी में छात्रों द्वारा शुरू की गई सभी मौखिक बातचीत शामिल हैं।

  • श्रेणी 8 (Category 8): छात्र वार्ता प्रतिक्रिया (Pupil Talk Response): छात्र शिक्षक के संकेतों या सवालों का जवाब देते हैं, उदाहरण के लिए, “उत्तर 7 है क्योंकि…”
  • श्रेणी 9 (Category 9): छात्र वार्ता पहल (Pupil Talk Initiation): छात्र बातचीत शुरू करते हैं या प्रश्न पूछते हैं, उदाहरण के लिए, “क्या आप इस अवधारणा को फिर से समझा सकते हैं?”

3. मौन या विराम या भ्रम (Silence or Pause or Confusion): इस श्रेणी में सभी अशाब्दिक अंतःक्रियाएँ शामिल हैं, जैसे मौन, विराम, या निर्देश के दौरान छात्रों का भ्रम।

  • श्रेणी 10 (Category 10): मौन या विराम या भ्रम (Silence or Pause or Confusion)
    : छात्र चुप हैं या बोलने में झिझक रहे हैं या भ्रम दिखा रहे हैं, उदाहरण के लिए, “मुझे समझ नहीं आ रहा है”

उदाहरण: एक शिक्षक अपनी कक्षा की बातचीत का अध्ययन करने के लिए फ़्लैंडर्स इंटरेक्शन एनालिसिस कैटेगरी सिस्टम (FIACS) का उपयोग करता है। वे पाते हैं कि वे श्रेणी 5 (व्याख्यान/व्याख्यान) और श्रेणी 6 (निर्देश देना) में बहुत समय बिताते हैं, वे कक्षा में अधिक इंटरैक्टिव गतिविधियों और प्रश्नों को शामिल करने का निर्णय लेते हैं, जिससे कक्षा में छात्र की भागीदारी और जुड़ाव बढ़ाने में मदद मिली , श्रेणी 4 (प्रश्न पूछना) और श्रेणी 9 (विद्यार्थी वार्ता पहल) को बढ़ाकर |


Enhancing-Teaching-Learning-Processes-in-Hindi
Enhancing-Teaching-Learning-Processes-in-Hindi

Assumptions of Charles Galloway System
(चार्ल्स गैलोवे सिस्टम की मान्यताएँ)

Main Points (मुख्य बिंदु):

  1. एक शिक्षक का गैर-मौखिक संचार कक्षा की बातचीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है (Non-verbal communication of a teacher plays a significant role in classroom interaction): चार्ल्स गैलोवे प्रणाली कक्षा की बातचीत में गैर-मौखिक संचार, जैसे चेहरे के भाव, हावभाव और शरीर की भाषा के महत्व पर जोर देती है।
  2. व्यवहार के लिए प्रतिक्रिया आवश्यक है (Feedback is necessary for behavior): जैसा कि कोई नहीं देख सकता कि वह कब व्यवहार करता/करती है, प्रणाली मानती है कि शिक्षकों के लिए उनके गैर-मौखिक संचार को समझने और सुधारने के लिए प्रतिक्रिया आवश्यक है।
  3. छात्रों को मजबूत और प्रेरित करने के लिए गैर-मौखिक संकेत महत्वपूर्ण हैं (Non-verbal cues are important for reinforcing and motivating students): प्रणाली का तर्क है कि गैर-मौखिक संकेत, जैसे मुस्कान या सिर हिलाना, छात्र प्रेरणा और जुड़ाव पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं।
  4. मौखिक संचार की तुलना में गैर-मौखिक संचार अधिक प्रभावी हो सकता है (Non-verbal communication can be more effective than verbal communication): प्रणाली बताती है कि गैर-मौखिक संचार कक्षा में अर्थ संप्रेषित करने और संबंध बनाने में अधिक शक्तिशाली और प्रभावी हो सकता है।
  5. गैर-मौखिक घटनाओं के बारे में जागरूक होने से स्वयं की बेहतर समझ पैदा हो सकती है (Becoming aware of non-verbal events can lead to a better understanding of oneself): हमारे आस-पास होने वाली गैर-मौखिक घटनाओं के बारे में जागरूक होने से, प्रणाली यह मानती है कि व्यक्ति स्वयं की और अपने स्वयं के व्यवहार की बेहतर समझ प्राप्त कर सकता है।
  6. शिक्षकों का प्रशिक्षण गैर-मौखिक संचार के पहलू को बढ़ाता है (Training of teachers enhances the aspect of non-verbal communication): प्रणाली कक्षा में उनकी प्रभावशीलता में सुधार करने के लिए गैर-मौखिक संचार की बारीकियों में प्रशिक्षण शिक्षकों के महत्व पर जोर देती है।
  7. प्रणाली शिक्षक के व्यवहार के संशोधन के सिद्धांत पर आधारित है (The system is based on the theory of modification of the teacher’s behavior): चार्ल्स गैलोवे प्रणाली इस विचार पर आधारित है कि प्रतिक्रिया और प्रशिक्षण प्रदान करके शिक्षक अपने व्यवहार को संशोधित कर सकते हैं और कक्षा में अपने गैर-मौखिक संचार में सुधार कर सकते हैं।

उदाहरण: एक शिक्षक चार्ल्स गैलोवे प्रणाली में प्रशिक्षित होता है, और कक्षा में उनके गैर-मौखिक संचार पर अधिक ध्यान देना शुरू करता है। वे अपने गैर-मौखिक संकेतों पर प्रतिक्रिया प्राप्त करते हैं, जैसे कि – उनके चेहरे के भाव और हाव-भाव। इस प्रक्रिया के माध्यम से, शिक्षक अपने स्वयं के व्यवहार के बारे में अधिक जागरूक हो जाते हैं और छात्रों के लिए अधिक सकारात्मक और आकर्षक सीखने का माहौल बनाने के लिए इसे संशोधित करने में सक्षम होते हैं, जिससे छात्रों की व्यस्तता और सीखने के परिणामों में सुधार होता है।


Galloway’s System of Observation
(गैलोवे की अवलोकन प्रणाली)

DIRECT-INDIRECT (Verbal)

(प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष (मौखिक)) 

Encouraging-Restricting (NonVerbal)

(प्रोत्साहक-प्रतिबंधित (गैर-मौखिक))

Accept Feelings

(भावनाओं को स्वीकार करें)

Acceptance or Indifference

(स्वीकृति या उदासीनता)

Praise or Encouragement

(प्रशंसा या प्रोत्साहन)

Congruent or Incongruent

(सर्वांगसम या असंगत)

Accepts or Uses ideas of Pupils

(विद्यार्थियों के विचारों को स्वीकार या उपयोग करता है)

Implement or perfunctory

(क्रियान्वित या सिद्धहस्त)

Asking Questions

(सवाल पूछ रही है)

Personal or Impersonal

(व्यक्तिगत या अवैयक्तिक)

Lecturing/Lecture

(लेक्चर/व्याख्यान)

Responsive or Unresponsive

(उत्तरदायी या अनुत्तरदायी)

Giving Directions

(निर्देश देने)

Involve or Dismiss

(शामिल करें या खारिज करें)

Criticizing or Justifying Authority

(प्राधिकरण की आलोचना या औचित्य)

Receptive or Attentive

(ग्रहणशील या चौकस)

Pupil Talk Response

(छात्र वार्ता प्रतिक्रिया)

Receptive or Inattentive

(ग्रहणशील या असावधान)

Pupil Talk Initiation

(छात्र वार्ता पहल)

Firm or Harsh

(दृढ़ या कठोर)

Silence or Pause or Confusion

(मौन या विराम या भ्रम)

Comfort or Distress

(आराम या परेशानी)

Also Read: (Complete Notes) CTET Pedagogy Notes In Hindi Pdf Download


Also read:

6 thoughts on “Enhancing Teaching Learning Processes in Hindi”

  1. Your given notes are very helpful. Thank you very much Sachin academy for this.
    Please upload other units notes as soon as possible.I will be grateful to you.Thank you 😊

  2. Sir, I’m also very thankful..
    These notes are really vry useful fr me also, plz upload the rest unit soon, again thank you so much sir❤

  3. Thanks a lot sir …mai first time aapk notes se padh ri…itne acche notes paid classes me bhi koi nai de skta🙏🙏

  4. Sir understanding teaching learning vale part me information and communication technology (ICT) for teaching learning k notes nai mil rhe

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top
Share via
Copy link
Powered by Social Snap