Robot Kaise Banaye Jate Hain
रोबोट कैसे बनाये जाते है ?
आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताने जा रहे है की robot kaise banaye jate hain रोबोट कैसे बनाये जाते है और इनकी क्या क्या विशेषताएं है | तो चलिए जानते है इनके बारे में | सबसे पहले तो आप दिमाग में से यह निकाल दो कि रोबोट का मतलब यह नहीं कि जो सिर्फ इंसानों जैसा दिखता है वही रोबोट होता है रोबोट्स बहुत टाइप के होते हैं यदि मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री में आप जाओगे तो असेंबली लाइन में रोबोट कार को मैन्युफैक्चर करते हैं वह अलग टाइप के होते हैं स्मार्टफोन इंडस्ट्री में जाओगे तो इस स्मार्टफोन को जो बनाते हैं वह अलग टाइप के होते हैं इसके अलावा हुमन ओल्ड रोबोट भी होते हैं जैसे सोफिया को तो आपने देखा ही होगा जो इंसानों जैसी दिखती है और बोलती भी वैसे ही है मेल है या फीमेल मुझे पता नहीं इसके अलावा सबसे बड़ी बात यह है कि आप एक मशीन को रोबोट से कैसे अलग करोगे कैसे पता करोगे कि यह मशीन है या रोबोट |
हर एक रोबोट एक मशीन है पर हर एक मशीन रोबोट नहीं है|
क्योंकि हर एक रोबोट एक मशीन है पर हर एक मशीन रोबोट नहीं है उदहारण के तौर पर आप इस वाकया से समझ सकते है – मोटर जनरेटर कार एयरप्लेन यह बहुत ही बेहतरीन मशीन है पर यह रोबोट नहीं है फिर रोबोट कैसे एक मशीन से अलग है इसके अलावा रोबोटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में बहुत ही शानदार करिए यदि आप अपने बच्चों के लिए एक शानदार करियर ढूंढ रहे हैं या फिर अपने लिए तो इस आर्टिकल को मेरी तरफ से आप एक सुझाव समझ सकते हो क्योंकि आज के टाइम में रोबोटिक्स का यूज बहुत ज्यादा हुआ है हर जगह इसका उपयोग हो रहा है एग्रीकल्चर स्पेस मिशन मेडिकल साइंस मैन्युफैक्चरिंग इन सब जगह पर रोबोट ही तो है जो काम कर रहे हैं अब एक रोबोट को बनाने के लिए चार से पांच चीजे चाहिए अब उनमें से आप किसी में भी अपना करियर बना सकते हो आपके मन में ये सवाल तो कभी न कभी जरूर आया होगा की –
क्या रोबोट इंसानों को ओवरटेक कर लेंगे और ऐसा हुआ तो क्या होगा?
आपको पता दुनिया में सबसे बेहतरीन रोबोट कौन सा है जिसका मुझे नहीं पता किसने बनाया सबका अलग अलग मानना है लेकिन सबसे बेहतरीन रोबोट एक इंसान है जो एक मशीन वाला रोबोट होता है उससे बस थोड़ा सा इस में फर्क यह है कि मशीन वाले रोबोट को इस इंसान वाले रोबोट ने बनाया है तो सबसे पहले तो हम यह देख लेते हैं कि –
किस मशीन को हम रोबोट कहेंगे ?
आपने चंद्रयान 2 मिशन के बारे में तो सुना होगा चंद्रयान 2 में जो भी स्पेसक्राफ्ट था उसमें एक बहुत ही इंटेलिजेंट कंप्यूटर सिस्टम था तो जब चंद्रयान 2 का लैंडिंग पेज था जिसमें चंद्रयान को मून पर लैंड करना था उस टाइम उस चंद्रयान के कंप्यूटर सिस्टम को ही सही जगह सिलेक्ट करके रोवरको सक्सेसफुली मून पर लैंड करवाना था वहां पर डिसीजन सब के सब वह कंप्यूटर ही ले रहा था कब थ्रस्टर को ऑन करना है कैसे स्पेसक्राफ्ट की स्पीड को डाउन करना है और कौन सी जगह पर रोवर को सही से लैंड करवाना है बाई मिस्टेक मिशन कामयाब नहीं रहा लेकिन वहां पर एक बहुत ही बेहतरीन कंप्यूटर सिस्टम सोच रहा था वह डिसीजन ले रहा था उनकी परिस्तिथि के हिसाब से तो वह एक बहुत ही शानदार रोबोट है जो सोच भी सकता है डिसीजन भी ले सकता है और किस तरीके से कैसे काम करना है वही डिसाइड करेगा | चंद्रयान है एक मशीन लेकिन उसके पास में डिसीजन लेने की पावर है तो हम कह सकते हैं कि यह एक रोबोट है लेकिन वहीं दूसरी तरफ एक इंडक्शन मोटर है जिस को स्विच ऑन किया और स्टार्ट हो गई अब यदि इस मोटर में किसी का हाथ फंस गया पैर फंस गया तो इस मोटर को तो कोई फर्क नहीं पड़ने वाला आप बंद करोगे तभी बंद होगी तो यह एक सिर्फ एक मशीन का पार्ट है अब कोई भी जो रोबोट होता है उसमें डिसीजन कौन लेता है एक बहुत ही इंटेलिजेंट सॉफ्टवेयर जिसको बहुत सारे इंजीनियर्स ने तैयार किया है |
गूगल असिस्टेंट
आपने गूगल असिस्टेंट को तो बहुत अच्छे से ट्राई किया होगा क्या कुछ नहीं पूछा हमने गूगल असिस्टेंट से लेकिन आप गूगल असिस्टेंट का जो रिप्लाई करने का तरीका है उसको देखोगे तो आप सोचोगे कि यहां पर कोई इंसान बैठा है और वह सोच सोच कर हमें रिप्लाई कर रहा है क्योंकि हम गूगल असिस्टेंट से कई बार ऐसे क्वेश्चन पूछ लेते हैं तो यह इतना इंटेलिजेंट तरीके से जवाब देता है कि जैसा हम गूगल असिस्टेंट से सुनना चाहते हैं वैसा जवाब नहीं देता उसको घुमा फिरा कर बहुत ही अच्छे से जवाब देता है तो यह तो हो गई आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जिसको हम कंप्यूटर का दिमाग कह सकते हैं और इसके पीछे एक सॉफ्टवेयर है जो बहुत ही बेहतरीन तरीके से काम कर रहा है |
अब गूगल ने इस असिस्टेंट वाले सॉफ्टवेयर को कितनी परमिशन दी है यह किस तरीके से जवाब देगा यह सब कुछ सॉफ्टवेयर डिसाइड करता है और 1 तरीके से उस सॉफ्टवेयर को परमिशन दी गई है कि वह कितना बोल सकता है और क्या-क्या बोल सकता है जैसे हमारे इंसानों की प्रोग्रामिंग कैसे होती है जब एक बच्चा पैदा होता है तो हम उसको सिखाते हैं कि क्या बोलना है क्या नहीं बोलना है किस चीज को क्या कहते हैं इस तरीके से एक बच्चे की प्रोग्रामिंग होती है तो ठीक कंप्यूटर की प्रोग्रामिंग इसी तरीके से होती है जिसको हम सॉफ्टवेयर कहते हैं और यदि वह बहुत ज्यादा इंटेलिजेंट है तो हम उसको आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कहते हैं जो खुद सोच सकता है और डिसीजन ले सकता है इस सॉफ्टवेयर को बहुत सारे आईटी और कंप्यूटर इंजीनियर मिलकर बनाते हैं जो किसी एक प्रोग्रामिंग लैंग्वेज में लिखा जाता है जैसे की जावा |
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
गूगल असिस्टेंट हमारे फोन में तो बैठा नहीं है हमारा फोन तो हमें सोच सोच कर रिप्लाई करता नहीं है तो गूगल असिस्टेंट कहीं पर तो होगा, कहीं पर तो एक्जिस्ट करता होगा | हमारे फोन के सहारे तो यह सिर्फ बोलता है तो इस सॉफ्टवेयर को एक बॉडी चाहिए जिसके सहारे यह बोल सके और जिस के सहारे अपने एक्शन को परफॉर्म कर सके जिसमें रन कर सके तो उसके लिए हमारा कंप्यूटर होता है |
जैसे हमारी बॉडी है उसी तरीके से सॉफ्टवेयर के लिए कंप्यूटर एक बॉडी है जिसको वह यूज करता है अब कंप्यूटर ज्यादा कुछ नहीं जानता लेकिन जिसके अंदर वह सॉफ्टवेयर चल रहा है वह सब कुछ जानता है उसको क्या बोलना है कैसे क्या करना है सब कुछ वही डिसाइड करता है | लेकिन सोचने के लिए दिमाग चाहिए इंसानों में तो दिमाग होता है तो कंप्यूटर में प्रोसेसर होता है जो कोई भी प्रोसेस को एग्जीक्यूट करता है जो भी इस सॉफ्टवेयर को इनपुट मिलते हैं तो यह सॉफ्टवेयर अपने इंस्ट्रक्शन के हिसाब से प्रोसेसर से प्रोसेस को एग्जीक्यूट करवाता है अब देखिए सॉफ्टवेयर और प्रोसेसर यह दोनों साथ साथ में काम करते हैं तो यह दोनों एक दिमाग का ही पार्ट है एक जो सॉफ्टवेयर होता है उसको किसी एक प्रोग्रामिंग लैंग्वेज में लिखने के बाद कंप्यूटर में रन करवाया जाता है फिर उसका व्यवहार देखा जाता है कि हमने जैसा सॉफ्टवेयर बनाया था क्या वह वैसे ही काम कर रहा है या नहीं उसमें मोडिफिकेशंस किए जाते हैं |
गूगल असिस्टेंट सॉफ्टवेयर
जैसे गूगल असिस्टेंट है एक सॉफ्टवेयर है जो बहुत ही बेहतरीन तरीके से काम कर रहा है अब गूगल असिस्टेंट तो सिर्फ सुन सकता है और जवाब दे सकता है पर देख नहीं सकता है अंधा है तो गूगल असिस्टेंट सिर्फ एक प्रोग्राम है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का जिसको हम सॉफ्टवेयर बोल देते हैं लेकिन रोबोट को चाहिए कि वह देख सके सुन सके महसूस कर सके तो रोबोट के अंदर लगे रहते हैं सेंसर यह सेंसर यदि हमारी हुमन बॉडी से कंपेयर करें तो हमारी आंखें जो देख सकती है काम सुन सकते हैं हमारी स्किन कोई भी चीज को चेंज कर सकती है हमारा ब्रेन कोई भी चीज को पहचान सकता है दूरी का अंदाजा लगा सकता है तो इस तरीके से हमारी बॉडी में बहुत सारे सेंसर है तो रोबोट को भी बहुत सारे सेंसर चाहिए –
- देखने के लिए कैमरा
- सुनने के लिए माइक्रोफोन
- बोलने के लिए स्पीकर
- दूरी पता लगाने के लिए समझने के लिए बहुत सारे सेंसर होते हैं
इन सेंसर से डाटा लेकर प्रोसेसर प्रोसेस करता है और जो सॉफ्टवेयर है उसके हिसाब से डिसीजन लेता है और काम करता है चलो हमारा रोबोट देख सकता है सुन भी सकता है सेन्स भी कर सकता है लेकिन हमारे इंसानों में चलने के लिए बोनस है और बोनस को मसल्स का सपोर्ट है |
तो यह चलने फिरने की एक्टिविटी के लिए रोबोट को चाहिए –
- मोटर
- पिस्टन
- व्हील्स / पैर
- गियर
आदि | जिनकी हेल्प से रोबोट अपना मूवमेंट कर सके और इसके बाद में लास्ट एंड फाइनल थिंग रोबोट को चाहिए पावर सोर्स हमारे इंसानों में पावर का कोर्स क्या है कमेंट में जरूर बताना यदि आप खाना रिप्लाई करने वाले हो तो एक बार थोड़ा सोच लेना क्योंकि जब कोई हेल्दी पर्सन की नेचुरल डेथ होती है तो क्या वह भूख की वजह से होती है नहीं उसमें एनर्जी तो होती है फिर भी उस व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है |
Q- इंसानो में पावर का सोर्स क्या है?
Ans: मेरे हिसाब से इंसानो में पावर का सोर्स Aura है , Aura किसी इंसान या स्थान की वह बाहरी सतह या परत है, जो हमें दिखाई नहीं पड़ती है लेकिन हमारे अंतर्मन में ऊर्जा पैदा करती है।
तो यह पावर रोबोट को मिलते बैटरी और वाटर से | अब यह मत सोचना कि हवा से रोबोट सांस लेता होगा या पानी पीता होगा रोबोट एक मैकेनिकल डिवाइस हो तो उसको ठंडा करने के लिए पानी और हवा की भी जरूरत पड़ती है | तो वह भी उसके एक पावर सोर्स है तो इस तरीके से एक सॉफ्टवेयर बहुत सारे मैकेनिकल पाठ जैसे मोटर गियर बहुत सारे सेंसर और पावर का सोर्स मिलकर एक रोबोट को कंप्लीट करते हैं लेकिन यह सब के सब एक साथ सिंक्रोनाइज होना जरूरी है |
यह सब अलग अलग होंगे तो एक रोबोट काम नहीं कर सकता |
- सॉफ्टवेयर इंजीनियर सॉफ्टवेयर को डिजाइन करता है
- मैकेनिकल इंजीनियर बॉडी को तैयार करता है
- इलेक्ट्रिकल इंजीनियर मोटर्स के काम को संभालता है
- इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर सर्किट डिजाइनिंग के जैसे कामों को संभालता है
तो यहां पर बहुत सारे इंजीनियर की टीम मिलकर काम करती है एक रोबोट को बनाने में अब यदि आप सोच रहे हो कि क्या एक रोबोट इंसानों को ओवरटेक कर सकता है हां बिल्कुल कर सकता है पर साइंटिस्ट इतने बेवकूफ नहीं है कि रोबोट को इतनी परमिशन दे कि वह उन को ही ओवरटेक कर ले |
रोबोट किसी भी एक्शन को बहुत अच्छे से परफॉर्म करते हैं एरर्स के चांस कम रहते हैं पर वह अपनी लिमिट में काम करते हैं उनको जितनी परमिशन दी गई है वह उससे ज्यादा ना सोच सकते हैं ना समझ सकते हैं और यदि हम फ्यूचर को देखे तो आपको पता है आने वाला टाइम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रोबोटिक्स का है तो इसमें बहुत ही शानदार कैरियर है यदि आप इंटरेस्टेड हो तो ट्राई कर सकते हो और यदि आप रोबोट बनाना चाहते हो तो डीआईवाई के प्रोजेक्ट बना सकते हो जिनकी एसेसरीज आपको आसानी से फ्लिपकार्ट और अमेजन पर मिल जाएगी | लेकिन उससे पहले सीखना जरूरी है क्योंकि रोबोट बनाना आसान नहीं है यह एक बहुत ही कॉन्प्लेक्स मशीन है तो मेरे ख्याल से आप पहले इस फील्ड के बारे में थोड़ी दी सर्च कीजिए और फिर यदि आपको अच्छा लगता है तो ट्राई करने में तो क्या जाता है तो आई थिंक आपको यहां पर बहुत कुछ समझ आया होगा और यदि आर्टिकल आपको पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर साझा करे |
धन्यवाद |
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