ऑप्टिकल फाइबर केबल कैसे काम करती है?
आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताने जा रहे है ऑप्टिकल फाइबर केबल के बारे में, ऑप्टिकल फाइबर केबल कैसे काम करती है? इनको कहा उपयोग में लाया जाते है? और इनके क्या क्या काम है? साथ ही हम आपको इनसे जुडी बहुत सी महत्वपूर्ण बाते आपके साथ साझा करेंगे जिनसे आपके लगभग सभी प्रश्नो के उत्तर मिल जाएंगे | तो चलिए जानते है | ऑप्टिकल फाइबर के बारे में विस्तार से|
क्या आपने कभी सोचा है कि आप पलक झपकते ही दुनिया के किसी भी कोने से टेक्स्ट या सूचनाएं कैसे प्राप्त कर लेते हैं? केबल के एक नेटवर्क द्वारा इसे संभव बनाया गया है जिन्हें भूमि के नीचे और समुद्र के अंदर बिछाया गया है यह केवल ऑप्टिकल फाइबर केबल है जो दुनिया का सबसे ज्यादा डाटा ले जाती है इनका प्रयोग चिकित्सा संबंधी उपकरणों में भी किया जाता है|
ऑप्टिकल फाइबर केबल से क्रांतिकारी परिवर्तन
ऑप्टिकल फाइबर केबल हजारों फाइबर तंतुओ से बनी होती है | एक फाइबर तंतु इंसान के बाल जितना पतला होता है ऑप्टिकल फाइबर प्रकाश के रूप में सूचना ले जाती है ऑप्टिकल फाइबर के कार्यकरण को समझने के लिए आइए पहले प्रकाश के मूल व्यवहार को समझते हैं|
प्रकाश के मूल व्यवहार
जब प्रकाश किसी माध्यम से होकर गुजरता है तो उसकी गति में बदलाव आता है और गति में इस बदलाव को रिफ्रैक्टिव इंडेक्स के द्वारा व्यक्त किया जाता है | विकास की गति में यह विविधता एक और रोचक घटना रिफ्रेक्शन की ओर ले जाती है यह क्या है इसे समझने के लिए आइए एक मजेदार प्रयोग करते हैं|
प्रिज्म रिफ्रेक्शन प्रयोग
इस प्रयोग में प्रकाश एक प्रिज्म से होकर गुजरता है आप देख सकते हैं कि सतह पर प्रकाश सीधे जाने की बजाय मुड़ जाता है | इस घटना को रिफ्रेक्शन कहते हैं रिफ्रेक्शन तब होता है जब प्रकाश एक रिफ्रैक्टिव इंडेक्स वाले माध्यम से दूसरे रिफ्रैक्टिव इंडेक्स वाले माध्यम में जाता है जब प्रकाश उच्च रिफ्रैक्टिव इंडिसेज वाले माध्यम से निम्न रिफ्रैक्टिव इंडिसेज में जाता है तो प्रकाश सताए की ओर मुड़ जाता है रिफ्रेक्शन के कारण ही पानी के अंदर पेंसिल मुड़ी हुई प्रतीत होती है | ऑप्टिकल फाइबर में इस सरल रिफ्रेक्शन तकनीक का प्रभावी तरीके से प्रयोग किया जाता है अब इस प्रयोग को काल्पनिक रूप से करते हैं|
ऑप्टिकल फाइबर केबल: काल्पनिक रूप प्रयोग
कुछ डोपेन्ड्स का प्रयोग करके हम क्लास में रिफ्रैक्टिव इंडेक्स को तुरंत बढ़ा सकते हैं | जैसे ही हम रिफ्रैक्टिव इंडेक्स को बढ़ाते जाएंगे प्रकाश सतह कि और और भी झुकता जाएगा | एक समय के बाद आप देख सकते हैं प्रकाश की किरण क्लास की सतह से होकर गुजर जाएगी अगर हम रिफ्रैक्टिव इंडेक्स की ओर बढ़ाते हैं तो प्रकाश अचानक ही पहले वाले माध्यम में शुद्ध प्रतिबिंब के रूप में वापस आ जाएगा इसी टोटल इंटरनल रिफ्लेक्शन कहते हैं अगर हम रिफ्रैक्टिव इंडेक्स को बढ़ाने की बजाय इंसिडेंट एंगल को बढ़ाएं तो टोटल इंटरनल रिफ्लेक्शन होगा इस स्थिति में एक निश्चित एंगल जो क्रिटिकल एंगल कहलाता है पर प्रकाश वाले माध्यम में वापस आ जाता है टोटल इंटरनल रिफ्लेक्शन की घटना का प्रयोग ऑप्टिकल फाइबर केबल प्रकाश को ट्रांसलेट करने के लिए किया जाता है|
ऑप्टिकल फाइबर केबल: कोर और क्लैडिंग
हाई रिफ्रैक्टिव इंडेक्स के साथ सिलैंडरिकल ग्लास | अगर सतह पर लेजर क्रिटिकल एंगल से अधिक बड़े एंगल पर पड़ती है तो टोटल इंटरनल रिफ्लेक्शन होगा | और प्रकाश दूसरे सिरे पर पहुंच जाएगा इसका मतलब है कि प्रकाश को लंबी दूरी तक ऑप्टिकल फाइबर में कैद करके रखा जा सकता है | भले ही फाइबर का रूप कितना भी जटिल क्यों ना हो याद रहे टोटल इंटरनल रिफ्लेक्शन हाई रिफ्रैक्टिव इंडेक्स क्लास और लो रिफ्रैक्टिव इंडेक्स एयर के बीच होता है लेकिन ऑप्टिकल फाइबर पर एक सुरक्षा परत की जरूरत होती है सुरक्षा सामग्री को लगाने पर की हवा का स्थान ले लेती है और टोटल इंटरनल रिफ्लेक्शन को रोक देती है इस समस्या का समाधान करने का एक आसान रास्ता कोर ग्लास के ऊपर रिफ्लेक्टिव गिलास लगाना है | जिसे क्लैडिंग कहां जाता है इस तरह टोटल इंटरनल रिफ्लेक्शन होता है और हम सुरक्षा सत्य का प्रयोग कर पाते हैं कोर और क्लैडिंग दोनों की मूल सामग्री में सिलिका का प्रयोग होता है|
रिफ्रैक्टिव इंडेक्स में अंतर को अलग-अलग प्रकार के डोपेन्ड को मिलाकर प्राप्त किया जा सकता है| हमारे द्वारा अभी बनाया गया ऑप्टिकल फाइबर 100 किलोमीटर से अधिक दूरी तक सिगनल्स को नहीं ले जा पाएगा यह केवल में सिगनल्स के छींण होने के कारण होता है सिग्नल से दुबले होने को आमतौर पर अटेन्वेशन कहते हैं | सिग्नल्स का अवशोषण और बिखरना सिग्नस के छींण होने का मुख्य कारण है | इसीलिए आप काबेल्स में निश्चित दूरी के बाद एंपलीफायर देखते हैं यह सिगनल्स की पावर को बढ़ाते हैं और इन्हें लंबी दूरी तक भेजना संभव बनाते हैं एंपलीफायर के लिए आवश्यक ऊर्जा आसपास के स्रोतों से ली जाती है|
ऑप्टिकल फाइबर फोन कॉल्स का इंटरनेट सिग्नल जैसी सूचना का संचार कैसे करते हैं?
किसी भी सूचना को 0 और 1 के रूप में प्रदर्शित किया जा सकता है मान लीजिए कि आप मोबाइल से हेलो लिखकर एक टेक्स्ट मैसेज भेजना चाहते हैं पहले इस शब्द को उसके अनुरूप बायनरी कोर्ट में 0 और 1 के रूप में बदला जाएगा इसके बाद आपका मोबाइल फोन इन 0 और 1 को विद्युत चुंबकीय तरंगों के रूप में ट्रांसलेट करेगा एक को उच्च फ्रीक्वेंसी और सुनने को निम्न फ्रीक्वेंसी तरंगों के रूप में ट्रांसलेट किया जाता है|
ऑप्टिकल फाइबर केबल: विद्युत चुंबकीय तरंग
आपका स्थानीय सेल टावर इन विद्युत चुंबकीय तरंगों को पकड़ता है इस टावर पर यदि चुंबकीय तरंग उच्च फ्रीक्वेंसी वाली है तो एक लाइट पल्स बनती है अन्यथा कोई भी पल्स नहीं बनती है अब लाइट पल्सेस को आसानी से ऑप्टिकल फाइबर केबल द्वारा ट्रांसलेट किया जा सकता है सूचना ले जाने वाली लाइट पल्सेस को अपनी मंजिल तक पहुंचने के लिए केबल्स के जटिल नेटवर्क से होकर गुजरना पड़ता है इस उद्देश्य के लिए संपूर्ण ग्लोब को ऑप्टिकल फाइबर केबल से ढका गया है|
इन केबल को भूमि के अंदर और समुद्र के नीचे बिछाया गया है मुख्य रूप से मोबाइल सेवा प्रदाता इन भूमिगत केबल का रखरखाव करते हैं|
- AT&T
- ORANGE
- VERIZON
- आदि
उन कुछ वैश्विक कंपनियों में से हैं जो समुद्र के नीचे के केबल नेटवर्क के मालिक हैं|
समुद्र के भीतर की केबलों का विस्तृत क्रॉस सेक्शन दृश्य यहां दिखाया गया है आप देख सकते हैं कि केवल का केवल एक छोटा सा हिस्सा ही ऑप्टिकल केबल को रखने के लिए प्रयोग किया गया है केबल का बचा हुआ भाग सुरक्षा और मजबूती के लिए एक यांत्रिक संरचना है
गहरे समुद्रों के अंदर एंपलीफायर को ऊर्जा कहां से मिलती है?
वैसे इसके लिए केवल के अंदर एक पतले तांबे के खोल का प्रयोग किया जाता है जो विद्युत ऊर्जा पैदा करता है ताकि एंपलीफायर को ऊर्जा प्रदान की जा सके इस पूरी चर्चा का सीधा सा मतलब यह है कि अगर ऑप्टिकल फाइबर पृथ्वी के किसी हिस्से में नहीं पहुंचेगा तो वह ऐसा इंटरनेट या मोबाइल संचार व्यवस्था से अलग-थलग पड़ जाएगा|
फाइबर केबल और कॉपर केबल
अगर हम ऑप्टिकल फाइबर केबल की तुलना परंपरागत कॉपर केबल से करें तो ऑप्टिकल फाइबर केबल हर तरीके से बेहतर है ऑप्टिकल फाइबर केबल अधिक लंबी बैंडविथ प्रदान करती है और कॉपर केबल की तुलना में कहीं अधिक तेज गति से डेटा ट्रांसमिट करती है ऐसा इसलिए क्योंकि प्रकाश की गति हमेशा इलेक्ट्रॉन की गति से तेज होती है कॉपर केबल में इलेक्ट्रॉन का प्रवाह केबल के बाहर भी चुंबकीय क्षेत्र बनाता है जिससे विद्युत चुंबकीय गतिरोध पैदा हो सकता है दूसरी ओर प्रकाश जोकि ऑप्टिकल केबल से होकर गुजरता है हमेशा फाइबर में कैद रहता है इस प्रकार बाहरी सिग्नल का प्रभाव पड़ने की कोई गुंजाइश नहीं होती है|
ऑप्टिकल फाइबर केबल: रोचक विशेषता
ऑप्टिकल फाइबर केबल की एक और रोचक विशेषता है | कि कोई लाइट सिगनल जो इसके बगल से प्रवेश करता है उसके केबल के साथ साथ चलने की बहुत कम गुंजाइश होती है इस प्रकार ऑप्टिकल केबल डेटा के लिए उच्च सुरक्षा प्रदान करते हैं |
आप यह जानकर शायद हैरान होंगे कि ऑप्टिकल केबल का प्रयोग दूरसंचार के क्षेत्र से बहुत पहले सर्वप्रथम एंडोस्कोपी में किया गया था डिजिटल पल्सेस को ऑप्टिकल फाइबर केबल के जरिए ट्रांसफर किया जाता है लेकिन इंडोस्कोपिक केबल्स में एनालॉग रूप में रहने वाले विजुअल सिगनल्स को दूसरे सिरे पर ट्रांसलेट किया जाता है|
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