Hubble Space Telescope क्या है – हबल स्पेस टेलीस्कोप क्या है ?
आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताएँगे हबल टेलिस्कोप के बारे में , Hubble Space Telescope क्या है, हबल स्पेस टेलीस्कोप क्या है ?, हाबले टेलिस्कोप कैसे काम करता है | इसके क्या फायदे है और क्या नुक्सान है और जेम्स वेब टेलिस्कोप से ये कितना अलग है | साथ ही हम आपको इससे जुडी कुछ रोचक बाते , घटनाये व अन्य जाकारिया देंगे | और कुछ प्रश्नो के उत्तर आपके साथ साझा करेंगे | तो चलिए जानते है इस टेलिस्कोप के बारे में |
हबल स्पेस टेलीस्कोप
आज से लगभग 31 वर्ष पहले 1990 में मानव इतिहास के सबसे सफल मिशनों में से एक हबल स्पेस टेलीस्कोप को पांच एस्ट्रोनॉट के साथ नासा के डिस्कवरी स्पेस शटल की सहायता से लांच किया गया था | उस समय ये मिशन बहुत ही महत्वपूर्ण था क्युकी मानव इतिहास में ऐसा पेही बार होने जा रहा था और पूरी दुनिया की आंके इसी पर तिकी हुई थी | इसकी लांच डेट कई बार बदली गयी थी कभी मौसम की वजह से , कभी तकनिकी कमिया की वजह से , कभी कुछ कारण से |
हबल स्पेस टेलीस्कोप लांच होने के बाद
लांच होने के बाद ऐसा लगा जैसे की सब ठीक चल रहा है लेकिन इसके शीशे में की थी तो फिर इसे अंतरिक्ष में जाके रिपेयर करना पड़ा , तब जाकर ये चला और पृथ्वी के पास होने की वजह से इसे 5 बार ठीक करने का मौका मिला | अगर ये दूर होता तो इसे रिपेयर करना मुश्किल था लेकिन अब जेम्स वेब टेलिस्कोप आ गया है | और अभी इसको अंतरिक्ष में जाने में समय लगेगा लगभग कुछ हफ्ते | हाबले टेलिस्कोप लगभग 5 से 7 वर्ष और चल जाएगा फिर इसे रिपेयर नहीं किया जाएगा | क्युकी जेम्स वेब इसका काम संभाल लेगा और जितना इसको डाटा भेजना था उतना मिल गया है और साथ ही नासा का कुछ और प्लान भी है | जिससे इसकी जरुरत नहीं पड़ेगी और जब ये रिपेयर नहीं होगा तो ये कुछ समय बाद अपने आप पृथ्वी पर आजाएगा | कही किसी समुद्र स्थान पर क्रैश हो जाएगा | क्रैश की जानकारी आगे इसी आर्टिकल में दी गयी है | ये टेलिस्कोप पृथ्वी के अंदर ही गिरेगा पृथ्वी से बहार नहीं जाएगा क्युकी ये पृथ्वी की कक्षा में स्तिथ था |
हबल स्पेस टेलीस्कोप का ऑर्बिट
स्पेस टेलीस्कोप को हमारे धरती के ऑर्बिट में करीब 600 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थापित किया गया उस समय शायद ही वैज्ञानिकों का अनुमान रहा होगा कि यह स्पेस टेलीस्कोप आगे चलकर मानव इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण ऑब्जरवेशन टूल्स में से एक बन जाएगा करीब 3 दशकों ( 30 साल ) के दौरान इसके द्वारा किए गए खोजो ने हमारे ब्रह्मांड और दूसरे स्पेस बॉडी को देखने का नजरिया हमेशा के लिए बदल कर रख दिया हबल टेलिस्कोप ने अपनी अनेक खोजों से दुनिया का नजरिया बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है | जैसे की –
- आकाश गंगाओ
- तारे
- ब्लैक होल्स
- एक्सोप्लैनेट्स
- डार्क एनर्जी
- बिगबैंग
- ब्रह्मांड के एज से जुड़ी कई पहेलियाँ
आदि अनसुलझी पहेलियों को सुलझाने में वैज्ञानिकों की मदद की है |
लो अर्थ आर्बिट में मौजूद होने की वजह से यह टेलिस्कोप रिपेयरेबल था यानी इस समय आने पर इस टेलिस्कोप के इंस्ट्रूमेंट को स्पेस में जाकर बदला जा सकता था अब तक हबल स्पेस टेलीस्कोप को अलग-अलग मशीनों के जरिए अंतरिक्ष में 5 बार रिपेयर किया जा चुका है जिस दौरान इसके पुराने इंस्ट्रूमेंट और शीशो की जगह नए और आधुनिक इंस्ट्रूमेंट लगाए गए थे |
हबल स्पेस टेलीस्कोप की रिपेयरिंग और सर्विसिंग
इसके नियमित रिपेयरिंग और सर्विसिंग के कारण यह पहला ऐसा स्पेस टेलीस्कोप बन गया जो कि इतने लंबे समय तक काम कर रहा है आखिरी बार 2009 में इस टेलीस्कोप को रिपेयर किया गया था ऐसे में यह उम्मीद लगाई जा रही है कि यह आने वाले और करीब 5 सालों तक काम करता रहेगा और 2030 तक यह धीरे-धीरे हमारे धरती के एटमॉस्फेयर की ओर खींचने लगेगा और आखिरकार यह एक वीरान समुंद्र में क्रश होकर नष्ट हो जाएगा | उसके मलबे को फिर से इस्तमाल नहीं किया जा सकता क्युकी वो नस्ट हो चूका होगा | अब जब हबल टेलीस्कोप अपने अंतिम दौर में पहुंच चुका है ऐसे में वैज्ञानिक जेम्स वेब टेलीस्कोप की मदद से हमारे ब्रह्मांड का एक नए सिरे से अध्ययन करने की योजना बना रहे हैं | हबल स्पेस टेलीस्कोप जिसने में ब्रह्मांड की खूबसूरती को दिखाया है हबल स्पेस टेलीस्कोप के जरिए हमने कई सारे सुंदर गैलेक्सी के डिटेल तस्वीरें देखी हैं |
क्या हम इस टेलीस्कोप की मदद से अपने सोलर सिस्टम में मौजूद एक बोन गृह प्लूटो को देख सकते है ?
| हबल स्पेस टेलीस्कोप एक अत्याधुनिक टेलीस्कोप है इसके जरिए हमने ऐसी कई गैलेक्सी को देखा है जो हमसे कई लाखों करोड़ों प्रकाश वर्ष दूर है| यह स्पेस टेलीस्कोप जो ब्रह्मांड में हमें कई अरब प्रकाश वर्ष दूर तक देखने में मदद करता है उसके जरिए हम अपने ही सोलर सिस्टम में मौजूद ट्रांस नेप्चुनिअन ऑब्जेक्ट यानी की प्लेनेट नेप्चून के पीछे मौजूद पिंडों को साफ साफ देख सकते है | हाबले स्पेस टेलीस्कोप में एक 2.4 मीटर का प्राइमरी मिरर लगा है | और इसमें लगे 4 मेन इंस्ट्रूमेंट इसे अल्ट्रा वाइड विजिबल और पास के इंफ्रारेड इलेक्ट्रोमैग्नेटिक स्पेक्ट्रम को देखने में मदद करता है | जिसके जरिए हम किसी भी गैलेक्सी स्टार जैसे की नेब्युला को अलग-अलग स्पेक्ट्रम में देख सकते हैं | जो हमे उस रीज़न के बारे में काफी डिटेल जानकारियां देती है |
यदि हम कोई फोटो क्लिक करते है हाबले टेलिस्कोप की सहायता से तो हमे इंफ्रारेड का इस्तेमाल करना होगा ये इंफ्रारेड गृह के पीछे का सारा कुछ साफ साफ दिखा देते है | तो इस तरीके से हबल हमे ब्रह्माण्ड को अगल नज़रिये से देखने का अवसर प्रदान करता है | और इसी की वजह से हम बिग बैंग थ्योरी आदि को समझ पाए है |
FAQ
Q : हबल स्पेस टेलीस्कोप
Ans : लगभग 31 वर्ष पहले 1990 में अंतरिक्ष में खोज के लिए भेजा गया था |
Q: हबल स्पेस टेलीस्कोप किस देश का है ?
Ans : हबल स्पेस टेलीस्कोप अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ‘ नासा ‘ का है | जिसे यूरोपियन अंतरिक्ष एजेंसी के सहयोग से तैयार किया गया था |
Q: Hubble telescope facts
Ans : हबल स्पेस को 5 बार रिपेयर किया जा चूका है | हबल स्पेस टेलीस्कोप अपने आप धरत पर आते आते ही समुद्र आदि स्थान पर नष्ट हो जाएगा |
Q: Hubble Telescope pictures
Ans : इसपर क्लिक करे आप ऑफिसियल वेबसाइट पर पहुंच जाएंगे जहा आपको इसकी ओरिजनल पिक्चर मिल जाएंगी
Q: Hubble Telescope VS James Webb Telescope
Ans : इसकी तुलना के लिए आपको इस वेबसाइट पर दिए गए आर्टिकल को पढ़ना होगा जिससे सब कुछ क्लियर हो जाएगा | फिर भी मई आपको बता देता हूँ को नया टेलिस्कोप जेम्स वेब टेलिस्कोप ज्यादा अच्छा है |
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