वायरलेस इलेक्ट्रिसिटी क्या है ? और कैसे काम करती है ?

वायरलेस इलेक्ट्रिसिटी क्या है ?

आर्टिकल में हम आपको बताने जा रहे है वायरलेस इलेक्ट्रिसिटी के बारे में की वायरलेस इलेक्ट्रिसिटी क्या है ? और कैसे काम करती है ? तो चलिए जानते है इसके बारे में सब कुछ विस्तार से | आज के टाइम में आपको वॉयरलैस इलेक्ट्रिसिटी का वेट तो होगा वायरलेस चार्जर मार्किट में आ भी गए हैं पर वह कंपलीटली वायरलेस नहीं है | लेकिन हमारे बीच में एक ऐसी टेक्नोलॉजी है जो बहुत पुरानी है और वायरलेस काम भी कर रही है और शायद आपको उसके बारे में पता भी नहीं होगा पता होगा लेकिन आपने कभी ध्यान नहीं दिया होगा |

वायरलेस इलेक्ट्रिसिटी का वायरलेस ट्रांसमिशन

कोई भी मोटर तो आपने देखी ही होगी यदि आप इंडक्शन मोटर को देखोगे तो उसके स्टेटर और रूटर के बीच में स्मॉल सा एयर गैप होता है | वह कभी टच नहीं करते और स्टेटस ए रूटर में इलेक्ट्रिसिटी का ट्रांसमिशन वायरलेस ही होता है और मोटर तो आपको पता है काफी सालों से हमारे बीच में है हर मोटर में ऐसा ही होता है और एक ट्रांसफार्मर भी है | इसमें भी इलेक्ट्रिसिटी का ट्रांसमिशन वायरलेस ही होता है जबकि आपको पता है मोटर और ट्रांसफार्मर हमारे मोबाइल चार्जर जैसे नहीं है बहुत ज्यादा हैवी इलेक्ट्रिसिटी का इन में ट्रांसलेशन होता है वह भी वायरलेस |

जब आप इस आर्टिकल को पढ़ रहे होंगे तो आपके मन में ये सवाल तो जरूर आया होगा की –

Q: हमारे घर में इतने सारे इक्विपमेंट है वह वायलेंस इलेक्ट्रिसिटी से क्यों नहीं चलते ?

Q: इनमें इतनी टेक्नोलॉजी डिवेलप क्यों नहीं हो पाई ?

Q: क्या यह सच में वॉयरलैस इलेक्ट्रिसिटी पॉसिबल है भी या नहीं ?

वॉयरलैस इलेक्ट्रिसिटी पॉसिबल तो है पर अभी तक हमारे पास में ऐसी टेक्नोलॉजी नहीं है कि हम लम्बी दूरी पर इलेक्ट्रिसिटी वायरलेस ट्रांसफर कर पाए अभी भी हमें इलेक्ट्रिसिटी ट्रांसमिशन के लिए वही कन्वेंशनल सिस्टम बड़ी-बड़ी ट्रांसमिशन लाइन लगानी पड़ती है क्योंकि इकोनॉमिकली अभी तक तो यही बेनिफिशियल है शार्ट डिस्टेंस के लिए वॉयरलैस इलेक्ट्रिसिटी पॉसिबल भी है और नहीं भी , और इसके कोई साइड इफेक्ट भी नहीं है हो सकता है आने वाले कुछ टाइम में हम हमारे घर में एक ऐसी डिवाइस लगा दे जिससे हमारा

  • टीवी
  • फ्रिज
  • कूलर
  • इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस

आदि सब वायरलेस ही चले | हमारी फोन भी हमारे पॉकेट में ही चार्ज हो जाएंगे इलेक्ट्रिक कारों को चार्ज करने के लिए हमें बस हमारी कार को चार्जिंग स्टेशन पर ले जाकर खड़ा करना होगा और हमारी गाड़ी चार्ज होना शुरू हो जाएगी | जैसे आई फ़ोन वायरलेस चार्ज होता है वैसे ही कार भी चार्ज हो पाएंगी | लेकिन यह सब एक शार्ट डिस्टेंस इलेक्ट्रिसिटी ट्रांसमिशन के एग्जांपल है | तो थोड़ा सा हम यह देख लेते हैं कि यह लॉन्ग डिस्टेंस पर पॉसिबल क्यों नहीं है | अभी जो भी वॉयरलैस चार्जर है उनको हम वायरलेस नहीं बोल सकते क्योंकि फोन को तो हमें चार्जर से टच करना ही पड़ता है तब जाकर हमारा फोन चार्ज होता है और वह भी बहुत स्लो चार्जिंग | कोई फास्ट चार्जिंग नहीं है उसमें | एक जो सिंपल सा वायर होता है जब उससे इलेक्ट्रिसिटी फ्लो होती है तो वह वायर अपने आसपास में एक मैग्नेटिक फील्ड जनरेट करता है |

वायरलेस इलेक्ट्रिसिटी मैग्नेटिक फील्ड का उदहारण

वायरलेस-इलेक्ट्रिसिटी-क्या-है
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इस चीज को आप आसानी से जो हाई वोल्टेज की लाइन होती है उससे समझ सकते हो जैसे 400 केवी की लाइन है तो उस लाइन के पास से आप निकलोगे तो आपको उस लाइन की आवाज साफ साफ सुनाई दी जाएगी और आपने लोगों को यह बोलते भी सुना होगा कि इस लाइन के पास मत जाओ वरना यह अपनी तरफ खींच लेगी उसके पीछे यह मैग्नेटिक फील्ड ही होता है इन वायर के आसपास में इतना मैग्नेटिक फील्ड होता है कि हमें इन को टच करने की भी जरूरत नहीं है यदि हम इनके पास में भी चले गए तो हमें इलेक्ट्रिक शॉक लगेगा और हो सकता है कि कोई अनहोनी भी घाट जाए | तो इसी मैग्नेटिक फील्ड को हम काम में लेकर क्या करते हैं कि हम एक कॉपर वायर लेते हैं या एलुमिनियम वायर भी ले सकते हैं | और फिर उससे एक कोइल बनाते हैं और इस कोइल को हम सप्लाई देते हैं तो यह कोइल अपने आसपास में फील्ड जनरेट करेगी | और इस कएल के पास हम हूबहू इसके जैसी कएल बनाते है | और इसके पास में रखते हैं तो यह जो पहली वाली कोइल है इसमें मैग्नेटिक फील्ड की लाइन इस दूसरी कोयल को क्रॉस करेगी जब हम इसको पास में लेकर जाएंगे तब | और जब हम सेकेंडरी कोयल से यदि कोई लोड कनेक्ट करते हैं छोटा बल्ब जलाते हैं तो वह जल जाएगा |

वायरलेस इलेक्ट्रिसिटी ट्रांसमिशन

क्योंकि यहां पर अब मैग्नेटिक फील्ड के थ्रू वॉयरलैस इलेक्ट्रिसिटी ट्रांसमिशन हो रही है यह तो बस यह किसकी बेसिक से कहानी है जो हमारे वायरलेस चार्जर होते हैं उनमें एक कोइल हमारे स्मार्टफोन में लगी रहती है और दूसरी कोइल चारजर में और चार्जर वाली कोयल मैग्नेटिक फील्ड जनरेट करती है और इस स्मार्टफोन वाले कोइल उसको रिसीव करती है और हमारा फोन चार्ज होना शुरू हो जाता है |

लेकिन यहां पर दिक्कत यह आती है कि जैसे मैंने अभी आपको हाई वोल्टेज लाइन का एग्जांपल दिया तो यदि हम हाई वोल्टेज पर इलेक्ट्रिसिटी ट्रांसमिशन करेंगे वायरलेस तो यहां पर हमें बहुत ज्यादा मैग्नेटिक फील्ड जनरेट करना होगा और यदि इस फील्ड के बीच में यदि कोई वयक्ति आ गया तो वह इस मैग्नेटिक फील्ड के शोक की वजह से वो वयक्ति परलोक सिधार सकता है और सिर्फ वयक्ति की बात नहीं है कोई भी जानवर या लिविंग बॉडी इसके बीच में आ गई तो वह तो वही खत्म हो जाएगी | इसलिए हम यहाँ पर रेजोनेंस फ्रीक्वेंसी को काम में लेते हैं | जैसा ब्लूटूथ या वाईफाई में होता है वैसे हमारे आसपास में आपको पता है बहुत सारी फ्रीक्वेंसी ऑलरेडी पड़ी है ब्लूटूथ वाईफाई हमारे सेल फोन टावर पर हम इन सब से एक दम सेफ है और इसी रिजोनेंस फ्रिकवेंसी पर बेस्ट टेस्ला कॉइल |

टेस्ला कॉइल

वायरलेस-इलेक्ट्रिसिटी-क्या-है
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आपने टेस्ला टावर का नाम तो सुना ही होगा जिसको महान साइंटिस्ट निकोला टेस्ला ने बनाया था और उनका यह आईडिया था कि वह पूरी दुनिया में वॉयरलैस इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई करना चाहते थे और यहां तक उन्होंने 19 सेंचुरी में वायरलेस बल्ब को भी जलाया था और वॉयरलैस इलेक्ट्रिसिटी भी ट्रांसफर की थी | 30 मीटर की दूरी तक लेकिन आपको पता है सक्सेस लोगों को हजम नहीं होती तो उनके एक्सपेरिमेंट को वहीं पर रोक दिया गया निकोला टेस्ला ने एक बहुत बड़ा टावर बनाया जिसका नाम था वार्डन क्लिप टावर जिसको हम प्यार से टेस्ला टावर भी बोलते हैं |

देखिए मैं आपको ज्यादा तो यहां पर कंफ्यूज कर लूंगा नहीं लेकिन वॉयरलैस इलेक्ट्रिसिटी कितनी सक्सेसफुल है इसके लिए हमें यह सब जानना भी जरूरी है | एक होता है केपीसीटर और एक होता है इंडक्टर जो भी आपने कोइल वाला एग्जांपल देखा था इस कोयल को ही इंडक्टर बोलते हैं | अगर इंडक्टर और कैपेसिटर को हम एक सर्किट में लगा देंगे तो यह दोनों सर्किट में ट्रांजियंट पैदा करते हैं | सर्किट को शांति से नहीं बैठने देते हैं अब यह इंडक्टर और कैपेसिटर दोनों इस सर्किट में रिजोनेंस फ्रिकवेंसी पर काम करेंगे

वायरलेस इलेक्ट्रिसिटी: रिजोनेंस फ्रिकवेंसी

अब मैं आपको रिजोनेंस फ्रिकवेंसी के बारे में थोड़ा सा बता देता हूं | यह इंडक्टर और कैपेसिटर क्या करते हैं कि एक दूसरे को आपस में चार्ज करते हैं इस सर्किट में जैसे इंडक्टर चार्ज होगा तो वह कैपेसिटर को चार्ज करेगा तो कैपेसिटर का चार्ज बढ़ेगा और फिर कैपेसिटी वापस डिस्चार्ज होगा और इंडक्टर को चार्ज करेगा तो कैपेसिटर का चार्ज वापस डाउन हो जाएगा तो इस तरीके से यह प्रोसेस चलती रहती है और यहां पर हम सही से देखेंगे तो एक वेवफॉर्म सी बनती जाएगी और इसी वेवफॉर्म को हम रिजोनेंस फ्रिकवेंसी बोलते हैं | यह थोड़ी देर बाद में स्टेबल हो जाएगी अप डाउन नहीं करेगी ऐसे क्योंकि एक टाइम के बाद में कैपेसिटर और इंडक्टर आपस में चार्ज कर के बैठ जाएंगे तो वो कंडीशन कहलाएगी रेजोनेंस कंडीशन | अब यह तो रिजोनेंस फ्रिकवेंसी है जिसको हवा में ट्रेवल करना है लेकिन इस को पावर देने के लिए हमें वोल्टेज को बहुत ज्यादा हाई करना होगा |

वायरलेस इलेक्ट्रिसिटी: टेस्ला टावर

वायरलेस-इलेक्ट्रिसिटी-क्या-है
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टेस्ला का जो टावर था उन्होंने मींस ऑफ वोल्टेज को यूज में लिया था वह वायरलेस इलेक्ट्रिसिटी ट्रांसमिशन करने के लिए तो टेस्ला ने इंडक्टर कैपेसिटर सर्किट के सामने भी एक ऐसा ही सर्किट रखा जो इस रिजोनेंट फ्रिकवेंसी को रिसीव कर सके और फ्रीक्वेंसी को हवा में छोड़ सके तो यह जो दूसरा सर्किट है जिसको सेकेंडरी कोयल बोलते हैं इसका वोल्टेज बहुत ज्यादा हाई होगा और करंट इसमें कम होगा |

वायरलेस इलेक्ट्रिसिटी का मैग्नेटिक फील्ड

जब इसको ऑन किया जाता है तो इस टेस्ला टावर की वेवफॉर्म को हवा में देखा जा सकता है जो एक बहुत ही खतरनाक इस बार क्रिएट करती है और अपने आसपास में फील्ड जनरेट करती है अब यदि इस फील्ड के पास में हम कोई बल्ब लेकर जाएंगे तो वह आसानी से जल जाएगा क्योंकि इस कोई ने अपने पास में मैग्नेटिक फील्ड को जनरेट करके रखा है और यह फिल्म पूरी हवा में फैला हुआ है जितनी इसकी रेंज है उतना तो यदि इस मैग्नेटिक फील्ड के कांटेक्ट में कोई भी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस आती है तो वह काम करना शुरू कर देगी और यदि इस इस बार को हम हाथ से टच भी करेंगे तो हमें कोई इलेक्ट्रिक शॉक नहीं लगेगा क्योंकि यह जो भी स्पार्क हैस्किन इफ्फेक्ट की वजह से हमारी बॉडी के ऊपर से ही फ्लोर करेगा | तो इस तरीके से इलेक्ट्रिसिटी ट्रांसमिशन हो जाती है |

वायरलेस इलेक्ट्रिसिटी की लॉन्ग डिस्टेंस यात्रा

लेकिन यह लॉन्ग डिस्टेंस पर नहीं कर सकते क्योंकि इसके लिए हमें वोल्टेज को इतना ज्यादा बढ़ाना पड़ेगा जो अभी तक हमारे पास में पॉसिबल नहीं है और long-distance में दूसरी प्रॉब्लम यह है कि जितनी हम इलेक्ट्रिसिटी ट्रांसफर करते हैं रिसीवर के पास में इतनी पहुंच नहीं पाती बहुत ज्यादा रास्ते में लॉस हो जाएगी | आप एक बात सोचो जैसे अभी मेगा वाट गिरावट में इलेक्ट्रिसिटी ट्रांसमिशन होती है | और इतनी इलेक्ट्रिसिटी का वायरलेस ट्रांसमिशन होगा तो बीच में जो छोटी मोटी फ्रीक्वेंसी है सेल फोन टावर की वह तो इससे डिस्टर्ब हो जाएगी और हो सकता है कि इतनी ज्यादा हाई पावर में यदि कोई बीच में कोई लिविंग पर्सन आ गया तो वह तो वहीं पर खत्म हो जाएगा तो यहां पर बहुत सी फ्रीक्वेंसी तो रास्ते में ही लॉस हो जाएगी और यदि इस वायरलेस इलेक्ट्रिसिटी ट्रांसमिशन में यदि कोई पेड़ आता है या ऐसी कोई रुकावट आती है तो वह भी इस मैग्नेटिक फील्ड को डिस्टर्ब कर सकती है |

वायरलेस इलेक्ट्रिसिटी का यात्रा के समय लॉस होना

जिसे हमारी इलेक्ट्रिसिटी रास्ते में बहुत सारे लॉस हो जाएगी और जब यह टेस्ला कॉइल ऑन होती है तू यह इतना ज्यादा स्पार्क क्रिएट करती है कि जब लॉन्ग डिस्टेंस पर इलेक्ट्रिसिटी का ट्रांसमिशन होगा | तो आकाश में ऐसा लगेगा जैसे बहुत ज्यादा बिजली चमक रही है जो बहुत ज्यादा खतरनाक भी हो सकती है लेकिन शॉर्ट डिस्टेंस के लिए यह हेल्पफुल है ऐसा हो सकता है कि हमारे घर में आने वाले टाइम में वायरलेस सभी इलेक्ट्रिक चीजे वायरलेस चल जाए क्योंकि शार्ट डिस्टेंस पर इसका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं है और ऐसा होगा ही कि आने वाले टाइम में शॉर्ट डिस्टेंस पर हम वॉयरलैस इलेक्ट्रिसिटी ट्रांसमिशन कर पाएंगे तो मेरे हिसाब से आपको वॉयरलैस इलेक्ट्रिसिटी का कंसेप्ट भी समझ में आया होगा और इसकी प्रॉब्लम्स भी अगर आपको हमारा ये प्रयास पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ साझा जरूर करे |

धन्यवाद |

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