लोको पायलट क्या होता है ? लोको पायलट कैसे बनते हैं ?
आज ले इस आर्टिकल में हम आपको बताने जा रहे है लोको पायलट के बारे में , लोको पायलट क्या होता है ? लोको पायलट कैसे बनते हैं ? आदि सवालों के जबाव हम आपको इस आर्टिकल में देंगे साथ ही महत्वपूर्ण व रोचक जानकारियों से आपको अवगत कराएँगे | इंडियन रेलवे मिनिस्ट्री / भारतीय रेल मंत्रालय लगभग हर साल रेलवे में अलग-अलग पोस्ट के लिए भर्तियां निकालती रहती है जिसमें विद्यार्थी अपनी एलिजिबिलिटी के हिसाब से एप्लीकेशन फॉर्म भरते हैं|
लोको पायलट क्या होता है ?
लोको पायलट वह इंडियन रेलवे में एक पोस्ट होता है उसे ही लोको पायलट कहा जाता है लोको पायलट को हम ट्रेन ड्राइवर भी कह सकते हैं क्योंकि इनका काम होता है ट्रेन चलाना तो इसीलिए लोको पायलट को ट्रेन ड्राइवर भी कहा जाता है साथ में जो भी लोग ट्रेवल कर रहे होते हैं उन लोगों की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी लोको पायलट परी होती है मतलब कुल मिलाकर के ट्रेन को चलाने की जो पूरी जिम्मेदारी है वह सब लोको पायलट के ऊपर ही होती हैं|
लोको पायलट: एक प्रमोशनल पोस्ट है |
लोको पायलट का जो पोस्ट होता है वह प्रमोशनल पोस्ट होता है कोई भी प्रमोशनल पोस्ट पर डायरेक्ट भर्ती नहीं ली जाती | आप डायरेक्ट लोको पायलट के लिए एप्लीकेशन फॉर्म नहीं भर सकते हैं|
जब आप असिस्टेंट लोको पायलट बन जाते हैं | तब असिस्टेंट लोको पायलट की डायरेक्ट भर्ती होती है फिर आपको प्रमोशन मिलता है और आप सीनियर असिस्टेंट लोको पायलट बन जाते हैं | सीनियर असिस्टेंट लोको पायलट बनने के बाद फिर जब आपको प्रमोशन मिलता है तब आप बनते हैं लोको पायलट|
आइये ईसिस बात को पॉइंट्स में समझते है |
- सबसे पहले आपको असिस्टेंट लोको पायलट का फॉर्म भरना होगा
- सिलेक्शन होने के बाद आपको प्रमोशन मिलेगा
- उसके बाद आपको सीनियर असिस्टेंट लोको पायलट बना दिया जाएगा
लोको पायलट के रूप में जब आपको कुछ सालों का , काम का एक्सपीरियंस हो जाता है उसके बाद फिर से आपका प्रमोशन होता है और प्रमोशन होकर आपको-
- पावर कंट्रोलर
- क्रू कंट्रोलर
- लोको फायरमैन / लोको सुपरवाइजर
इनमे से किसी भी पोस्ट पर आपको प्रमोशन मिल जाता है| इंडियन रेलवे में असिस्टेंट लोको पायलट का पोस्ट रेल मंत्रालय के अधीन और देश के अलग-अलग रेल निगम में बहुत ही सामान्य है|
लोको पायलट बनने के लिए शैक्षिक योग्यता क्या है ?
आपको किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से किसी भी स्ट्रीम से 10th पास करना है इसके बाद आपको आईटीआई पास होना भी जरूरी है| अगर आपने आईटीआई नहीं कर रखा है तो फिर आपको डिप्लोमा होना जरूरी है अगर आपने-
- मैकेनिकल
- इलेक्ट्रिकल
- इलेक्ट्रॉनिक
- ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग
इन में से किसी भी ट्रेड से डिप्लोमा या फिर आईटीआई किया है तो आप इसके लिए योग्य हैं | और आपको डिप्लोमा या आईटीआई किसी भी ऐसे ट्रेड से करना है और एआईसीटीई द्वारा मान्यता प्राप्त होना चाहिए|
एआईसीटीई का फुल फॉर्म : द ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन
लोको पायलट बनने की उम्र सीमा कितनी होती है ?
- लोको पायलट में एज लिमिट – 18 से 30 वर्ष
- ओबीसी केटेगरी के लिए मैक्सिमम एज 33 वर्ष
- एससी एसटी के लिए मैक्सिमम एज 35 वर्ष
लोको पायलट का मेडिकल फिटनेस टेस्ट कैसे होता है ?
लोको पायलट बनने के लिए स्टूडेंट्स को मेडिकल फिटनेस टेस्ट पास करना होता है जो कि रेलवे एडमिनिस्ट्रेशन द्वारा कंडक्ट कराया जाता है इसे हम विजन टेस्ट भी कहते हैं|
- इस टेस्ट में पास होने के लिए आपकी आंखों का स्वस्थ होना बेहद जरूरी है अगर आपकी आंख में कोई भी परेशानी है तो आपको इसमें रिजेक्ट कर दिया जाएगा फिर | आपकी आई साइट होनी चाहिए वह 6 / 6 होनी चाहिए
- आपका भारतीय नागरिक होना जरूरी है लोको पायलट बनने के लिए
असिस्टेंट लोको पायलट को क्या क्या काम होते हैं ?
असिस्टेंट लोको पायलट का काम होता है – लोकोमोटिव को ठीक ट्यूनिंग में लोको चालक की हेल्प करना इसके अलावा परियों की जांच करना अगर पटरी में कोई भी प्रॉब्लम हो तो उसे फिक्स करना लोकोमोटिव की मामूली मरम्मत में मदद करना भी असिस्टेंट लोको पायलट का ही काम होता है|असिस्टेंट लोको पायलट का काम होता है रेलवे सिग्नल पर नजर रखना होता है और लोकोमोटिव की सुरक्षा और उत्पादकता के लिए काम करते हैं|
लोको पायलट का सिलेक्शन प्रोसेस क्या है ?
- पहला पड़ाव – सीबीटी फर्स्ट स्टेज कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट
- दूसरा पड़ाव – सेकंड स्टेज कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट
- तीसरा पड़ाव – कंप्यूटर बेस्ड एप्टीटुड टेस्ट
- चौथा पड़ाव – डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन
- पांचवा पड़ाव – मेडिकल फिटनेस टेस्ट
आपको क्रमानुसार पड़ावों को पार करना होगा यदि आप किसिस में फ़ैल हो जाते है तो आप फिर से परीक्षा दे देना , जिसके फॉर्म लगभग 2 – 3 साल बाद आते है |
लोको पायलट बनने का पहला पड़ाव – सीबीटी फर्स्ट स्टेज कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट
सीबीटी
लोको पायलट बनने का दूसरा पड़ाव – सेकंड स्टेज कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट
सेकंड सीबीटी में दो भाग होते है भाग A और भाग B
भाग A
भाग B
लोको पायलट बनने का तीसरा पड़ाव – कंप्यूटर बेस्ड एप्टीटुड टेस्ट
इस टेस्ट में आपको विज़न सर्टिफिकेट पास लेकर जाना बेहद जरूरी है जो कि आपको किसी भी मान्यता प्राप्त हॉस्पिटल से बनवा सकते है | यह सर्टिफिकेट एक दिन में बन जाता है |
लोको पायलट बनने का चौथा पड़ाव – डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन
इसमें आपके कागज़ो की जांच होगी की ये ओरिजनल है या नहीं , या फिर कही फ़र्ज़ी कागज़ो की सहायता से इस छेत्र तो नहीं आगया |
लोको पायलट बनने का पांचवा पड़ाव – मेडिकल फिटनेस टेस्ट
इसमें आपके देखने , सुनने आदि की छमता की जांच की जाती है | मान लीजिये आगे आपको काम दीखता है तो आप सिग्नल को कैसे देखोगे की बत्ती लाल है या हरी | और अगर सुनने में परेशानी है तो आप वाकी टाकी पर तेज़ आवाज़ में बात कैसे करोगे | और यदि आपके शरीर में परेशानी है तो आप रेलगाड़ी को कैसे संभालोगे | लोको पायलट को कई बार शंटिंग करनी पड़ती है | बार बार इंजन से उतरना पड़ता है |
लोको पायलट के लिए एप्लीकेशन फॉर्म की फीस कितनी होती है ?
- अनरिजर्व्ड ओबीसी कैटेगरी के विद्यार्थीओ की फीस – 500 रूपए है | जब आप पहला पड़ाव पार करलेते है तब आपको 400 + रूपए वापस मिल जाते है | बैंक चार्ज / बैंक की फीस काटने के बाद |
- एससी, एसटी, ट्रांसजेंडर, माइनॉरिटी, फीमेल, आदि के लिए 250 रुपए है | जब आप पहला पड़ाव पार करलेते है तब आपको 200 + रूपए वापस मिल जाते है | बैंक चार्ज / बैंक की फीस काटने के बाद |
असिस्टेंट लोको पायलट की सैलरी कितनी होती है ?
- पे स्केल – 5,200 – 20,000
- ग्रेड पे – 1900
- कुल मिलाकर असिस्टेंट लोको पायलट की सैलरी प्रति माह 30,000 से भी ज्यादा होती है |
- सीनियर लोको पायलट की सैलरी होती है टोटल प्रति माह 55,000 से 60,000 के बीच होती है |
असिस्टेंट लोको पायलट की परीक्षा में जितने भी क्वेश्चन आते हैं वह सभी आपके ऑब्जेक्टिव टाइप के होते हैं और इसके फार्म लगभग हर 3 साल बाद भरे जाते है | और लोको पायलट का जो जॉब ग्रुप सी के अंतर्गत आता है |
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