पानी से बिजली कैसे पैदा होती है?
आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताने जा रहे है की पानी से बिजली कैसे बनती है?पानी से बिजली कैसे पैदा होती है, पानी से बिजली बनाने का तरीका व प्रकार आदि की जानकारी आपको प्रदान करेंगे | साथ ही हम आपके साथ बिजली बनाने की कुछ रोचक जानकारियाँ आपके साथ साझा करेंगे | तो चलिए जानते है इसके बारे में |
साइंस एंड टेक्नोलॉजी की दुनिया में आप सभी का स्वागत है आज हम आपके लिए लेकर आए हैं भविष्य में अत्याधुनिक अविष्कारों से बिजली तैयार करने वाली मशीनों और तकनीक की जानकारी जो कि वाकई में आगे आने वाले समय में बिजली उत्पन्न करने वाले पारंपरिक तरीके को एक नया आयाम देने वाली है | इस आर्टिकल को शुरू से लेकर अंत तक जरूर पढ़ना ताकि आप कोई भी महत्वपूर्ण जानकारी मिस ना कर दें |
विंड हाइड्रो पावर कैसे काम करती है?
विंड वर्ल्ड हाइड्रोपावर नदी के पानी के बहाव से बिजली पैदा करने वाले सिद्धांत पर ही काम करने वाली तकनीक में भी नदी के किनारे से बड़ी बड़ी नालियां बना ली जाती है | जिसके कारण रास्ता संकरा होने की वजह से पानी का बहाव तेज हो जाता है और ठीक उसी जगह पर टरबाइन को फिट कर दिया जाता है जिसके बाद उसके फलस्वरूप पानी के तेज बहाव के कारण टरबाइन जोर-जोर से घूमने लगता है और छोटे स्तर पर ही सही | इस कमाल की तकनीकी सहायता से पर्याप्त मात्रा में बिजली उत्पन्न कर ली जाती है |
वाटरेरटर एनर्जी टेक्नोलॉजी कैसे काम करती है ?
वाटरेरटर एनर्जी टेक्नोलॉजी नदी के पानी के बहाव से ही बिजली उत्पन्न करने का एक और अविष्कार ना केवल बिजली को अधिक मात्रा में उपलब्ध करता है बल्कि पर्यावरण को भी कोई हानि नहीं पहुंचाता इस कमाल के अविष्कार से पहले तैयार करने के लिए एक बेहद सरल आकार वाले उपकरण को पानी में कम गहराई वाली जगह पर अंदर फिट कर दिया जाता है इसके बाद निरंतर पानी के बहाव के कारण इसमें लगा पंखा नुमा सांचा गोल-गोल घूमता रहता है जिससे इसके अंदर लगा टरबाइन बिजली उत्पन्न करना चालू कर देता है जिससे नदी के किनारे साथ में लगाए गए सिस्टम के अंदर इस बिजली को इस्तेमाल करने के लिए नियंत्रित किया जाता रहता है अपने इस सरल डिजाइन के होने के कारण नदी में पलने वाले जीवो को भी इस से कोई हानि नहीं पहुंचती और बड़ी ही सरल तरीके से बिजली तैयार कर ली जाती है |
ऐंड्रोइटज़ हाइड्रो टरबाइन कैसे काम करती है ?
ऐंड्रोइटज़ हाइड्रो टरबाइन पानी के बहाव से ही बिजली उत्पन्न करने वाले इस तरीके में भी पानी की तेज धारा का होना बहुत आवश्यक होता है तो ऐसे में इस प्रकार के बिजली के प्लांट उस जगह स्थापित किए जाते हैं जहां पानी बेहद ऊंची जगह से प्रवाहित हो रहा हो इसका सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि जिन जगहों पर डैम बनाकर बिजली तैयार करना संभव नहीं होता तो उन जगहों पर कुछ इस प्रकार के पाइप के माध्यम से तेज पानी के बहाव को टर्बाइन तक पहुंचाया जाता है जिसके कारण टरबाइन को घूमने के लिए प्रबल मिल जाता है और बिजली उत्पन्न होने लग जाती है जिसे बाद में अनेकों घरों को रोशन करने के लिए इस्तेमाल में लाया जाता है |
वोइथ कैसे काम करता है ?
समुद्र से बिजली उत्पन्न करने के लिए अभी तक आने को बड़े से बड़े और कम लागत वाले हर प्रकार के अविष्कार हो चुके हैं उन्हीं में से एक खास अविष्कार कुछ इस प्रकार का भी है समुद्र के पानी में निरंतर लहरों की उथल-पुथल और उसके लगातार टकराते रहने का ही सहारा लेकर उन्हीं में से एक खास अविष्कार कुछ इस प्रकार का भी है समुद्र के पानी में निरंतर लहरों की उथल-पुथल और उसके लगातार टकराते रहने का ही सहारा लेकर कुछ इस प्रकार के बिजली उत्पन्न करने वाले अविष्कार को जन्म देने का विचार उत्पन्न हुआ समुद्र की लहरों से बिजली उत्पन्न करने के लिए सबसे पहले तट पर कंक्रीट का एक बेहद ठोस खोखला ढांचा तैयार कर लिया जाता है जिसके ठीक नीचे से पानी की लहरें अंदर आती रहती हैं जब भी समुद्र की उफान मरती लहरें इस ढांचे के निचले सिरे से अंदर जाती है | और अत्यधिक हवा का दबाव बन जाता है जिससे बिजली के रूप में बदलने के लिए इसके ऊपर की तरफ एक टरबाइन को फिक्स कर दिया जाता है जिसके कारण जब भी हवा का दबाव बनता है तो यह टरबाइन को जोर-जोर से घुमाने लगता है जिसके फलस्वरूप बिजली उत्पन्न होने लगती है |
एक आम इंसान के दिमाग से ही उपजा यह उपाय देखने में बेहद सरल तो है ही साथ ही साथ इसके रखरखाव के लिए खर्च भी बहुत कम आता है इस प्रकार के अनेकों लाइटहाउस ऐसे हैं जिनमें बिजली की सप्लाई के लिए कुछ इसी प्रकार के सिद्धांत की सहायता ली जाती है और समुद्री जहाजों को रास्ता ढूंढने में मदद की जाती है |
ब्लू फ्रीडम गैजेट कैसे काम करती है?
इस कमाल के छोटे से गैजेट की कार्यशैली आपको वाकई में हैरान करने वाली है दरअसल यह छोटा सा विचित्र सा दिखने वाला यंत्र बिजली तैयार करने का बेहद छोटा टरबाइन है इस कमाल के गैजेट को इस्तेमाल करने के लिए गोल घूमने वाले भाग को इस मुख्य गैजेट के साथ एक तार के माध्यम से फिक्स कर दिया जाता है | जिसके बाद से वहां स्थापित कर दिया जाता है जहां पानी का थोड़ा सा भी बहता हुआ स्त्रोत उपलब्ध है इसके बाद उस पानी के बहाव से यह नीला घुमावदार सांचा पानी में गोल गोल घूमने लगता है जिससे कि उसमें लगा छोटा सा टरबाइन भी घूमने लगता है जिस से उत्पन्न बिजली को गैजेट के मुख्य भाग में पावर बैंक के रूप में एकत्रित कर लिया जाता है और उसके बाद आप इस गैज़ेट में एकत्रित बिजली की मदद से अपना फोन इत्यादि चार्ज कर सकते हैं हालांकि यह बड़े रूप में बिजली उत्पन्न नहीं करता मगर इतने छोटे से गैजेट से अगर फोन चार्ज करने लायक ही बिजली उत्पन्न होती है तो वह भी पर्याप्त है उस संकट की घड़ी में जब आप ऐसी जगह पर हो जहां बिजली का कोई स्त्रोत ही उपलब्ध ना हो |
यह कमाल का गैजेट स्वभाविक है कि लोगों के द्वारा अभी इतना अधिक इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है मगर इस प्रकार के अविष्कार से यह विश्वास जरूर जगह है कि भविष्य में जरूरत पड़ने पर आप कभी भी अपनी मर्जी के मुताबिक बड़ी ही सरलता से बिजली उत्पन्न कर पाएंगे |
टर्बूलेंट कैसे काम करती है?
टर्बूलेंट आज भी कई देश ऐसे हैं पूरी दुनिया में जहां पानी की प्रचुर मात्रा उपलब्ध है और जहां पारंपरिक तरीके से नदी के पानी को रोककर डैम बनाकर बिजली तैयार की जाती है मगर छोटी नदी और नेहरो से भी बिजली बनाई जा सकती है वह बेहद कम लोगों ने ही सोचा होगा | एक आम इंसान के दिमाग से ही उपजा यह उपाय जिसने बिजली उत्पन्न करने जैसे काम को सभी के लिए बेहद आसान बना दिया है दरअसल इस कमाल के तरीके में छोटी नदी नेहरो के साथ एक पतली नाली बिल्कुल साथ में ही बनाई जाती है | जिसका आकार कुछ इस प्रकार का रखा जाता है कि जिससे अगर पानी प्रवाहित हो तो वह संकरा रास्ता होने के कारण पानी की गति को भी बढ़ा दे साथ ही साथ पानी को गोल घुमा दे और जब ऐसा संभव हुआ तो बिजली उत्पन्न करने के लिए वहां उस जगह पर एक छोटा टरबाइन लगा दिया गया | जिसके फलस्वरूप जब भी पानी उस नाली से गुजरता है तो वह टरबाइन पानी के तेज बहाव के कारण स्वयं ही घूमने लगता है जो कि पर्याप्त होता है बिजली को टरबाइन से तैयार करने में इस खास सिद्धांत को अब बड़े रूप में भी बड़ी-बड़ी नदियों से बहते पानी के सहारे लगाया जा रहा है और आम लोगों के लिए वह काफी उपयोगी भी साबित हो रहा है |
स्वेल वेव लाइन मैगनेट कैसे काम करती है?
यहां इस अजीबोगरीब लंबे उपकरण की टेस्टिंग की जा रही है दरअसल यहां यह पानी के ऊपर तैरते इन अनेको प्लास्टिक के साँचो को एक के साथ एक फिक्स कर रखा होता है इस पानी के सोते में कृत्रिम तौर पर लहरें उत्पन्न की जाती है दरअसल इन लहरों को समुद्र की लहरों के हिसाब से ही इस उपकरण की कार्यशैली को जांचने के लिए इस तरह उत्पन्न किया जाता है क्योंकि बिजली तैयार करने के लिए जैसे-जैसे यह लहरें जितना अधिक ऊपर नीचे होगी तो उसी प्रकार की अनेको एक के साथ एक लगे प्लास्टिक के सांसो में छोटे-छोटे जटिल रूप से लगे साँचो बिजली उत्पन्न करने लगेंगे और जिन से उत्पन्न बिजली को ठीक इन्ही साँचो के साथ लगी तार की मदद से नियंत्रित किया जा सकेगा | हालांकि अभी इस प्रकार के अविष्कार का एक साधारण प्रारूप पर ही काम चल रहा है मगर यह अगर संभव होता है तो भविष्य में इसी एक अकेली माध्यम से बिजली उत्पन्न कर के अनेकों घरों को रोशन किया जा सकेगा | छोटे छोटे प्रारूप के अलावा बड़े प्रारूप को समुद्र के अंदर निरंतर टेस्ट किया जा रहा है जिससे भविष्य के लिए आशा जरूर जगी है कि बिजली उत्पन्न करने वाले तरीकों में जबरदस्त क्रांति संभवत है होने वाली है |
बिजली उत्पन्न करने के लिए इन सभी आधुनिक अविष्कारों के निरंतर होती खोज और बिजली को सरल से सरल तरीके से उत्पन्न करने के लिए इंसान की चाहत स्वभाविक है आगे आने वाले भविष्य को उज्जवल करने वाली है तो चलिए मिलते है अगली नै पोस्ट के साथ अगर आपको यह आर्टिकल पसंद आया हो तो इसे साथ साझा जरूर करे|
धन्यवाद |
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