जनरेटर बिजली कैसे बनाता है ? जनरेटर से बिजली कैसे बनती है
आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताने जा रहे है की जनरेटर बिजली कैसे बनाता है ? और इससे जुडी बहुत सी महत्वपूर्ण व रोचक बाते आपके साथ साझा करेंगे | तो चलिए जानते है इसके बारे में विस्तार से |
बिजली निम्नलिखित प्रकारो से बनायीं जाती है –
- कोयले से इलेक्ट्रिसिटी बनती है |
- विंड से इलेक्ट्रिसिटी बनती है |
- गोबर से बिजली बनती है |
- पानी से बिजली बनती है |
- आसमान में बिजली बनती है |
और भी बहुत पावर प्लांट है | गाड़ियों में अल्टरनेटर लगा रहता है इलेक्ट्रिसिटी के लिए और भी बहुत तरीके इलेक्ट्रिसिटी जनरेट करने के लिए लेकिन इन सब में एक चीज समान है और वह है ” जनरेटर ”
- यह जनरेटर किस तरीके से इलेक्ट्रिसिटी जनरेट करता है?
- इस जनरेटर के अंदर ऐसा क्या होता है कि यह मैकेनिकल एनर्जी टू इलेक्ट्रिकल एनर्जी में कन्वर्ट कर देता है?
- आपके जो भी डाउट है वह सब आज की इस आर्टिकल में क्लियर हो जाएंगे
- विंड जनरेटर की स्पीड कम क्यों होती है?
- थर्मल पावर स्टेशन पर जो जनरेटर लगा रहता है उसकी स्पीड इतनी ज्यादा क्यों होती है?
इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंडक्शन जनरेटर
आज के टाइम में मार्केट में बहुत टाइप के जनरेटर अवेलेबल है लेकिन इन सब जनरेटर के पीछे जो प्रिंसिपल है इनके काम करने का वह सब का एक जैसा है और उस प्रिंसिपल का नाम है इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंडक्शन सबसे पहले मैं आपको कुछ बेसिक बातें बताता हूं जो अपने आगे काम आएगी कोई भी जनरेटर को इलेक्ट्रिसिटी जनरेट करने के लिए एक मैग्नेटिक फील्ड की जरूरत पड़ती है और यह मैग्नेटिक फील्ड जनरेट करती है हमारी जो मैग्नेट होती है वह अब यहां पर यह मैग्नेटिक फील्ड दो टाइप का हो सकता है 12 परमानेंट मैग्नेट का फील्ड होता है जैसे मेरे पास में यह मोटर है इनमें दोनों साइड में 2 मिनट लगी है और इनके बीच में जो एरिया है उसको बोलते हैं इस परमानेंट मैग्नेट का फील्ड जो छोटे जनरेटर होते हैं उन्हें परमानेंट मैगनेट का फील्ड यूज में लेते हैं | और दूसरे टाइप का फील्ड होता है जिसको हम जनरेट करते हैं उसको बोलते हैं टेंपरेरी फील्ड इसमें क्या करते हैं कि हम एक कोयल को डिजाइन करते हैं और इस कोयल को हम जो परमानेंट मैग्नेट है उसी के तरीके से इस कोयल को काम करवाते हैं और उससे फील्ड जनरेट करवाते हैं पर यह फील्ड टेंपरेरी होता है क्योंकि जब तक इस कोयल को हम डीसी सप्लाई देंगे तब तक यह फिल जनरेट करेगी और जैसे ही डीसी सप्लाई बंद वैसे ही इस कोयल को मैग्नेट वाला इफेक्ट भी खत्म हो जाता है |
12 वोल्ट से 24 वोल्ट की सप्लाई कैसे करते है ?
जो बहुत बड़े जनरेटर होते हैं उनके लिए टेंपरेरी फील्ड को ही काम में लिया जाता है क्योंकि परमानेंट मैग्नेट की एक लाइफ होती है उसके बाद में वह अपनी मैग्नेटिज्म की प्रॉपर्टीज को लूट कर देती है अब बात आती है कि हमें इस फील्ड की जरूरत क्यों पड़ती है इस फील्ड की हमें जरूरत इसलिए पड़ती है कि जैसे यह परमानेंट मैग्नेट का फील्ड है इसके अंदर यदि मैं कोई वायर को लेकर रोटेट करूंगा तो यह जो मेरा तार है ना यह कुछ फोर्स को एक्सपीरियंस करेगा | इस मैग्नेट की वजह से जिससे इसमें वोल्टेज और करंट जनरेट होंगे इसको मैं थोड़ा आपको आगे एक्सप्लेन करूंगा अभी थोड़ा इस चीज को अपन प्रैक्टिकली देख लेते हैं जिससे आपको बहुत ही क्लियर समझ में आने वाली है चीजें | अब देखो मेरे पास में यहां पर तीन मोटर है एक इंडक्शन मोटर है तो परमानेंट मैग्नेट डीसी मोटर है इनमें से यह दोनों डीसी मोटर 12 वोल्ट से 24 वोल्ट की सप्लाई पर काम करती है | इनमें से इस मोटर का टॉर्क ज्यादा है लेकिन इसकी स्पीड बहुत कम है और यह जो छोटी वाली मोटर है इसकी स्पीड बहुत ही ज्यादा है लेकिन टॉर्क बहुत कम है जबकि दोनों सेम वोल्टेज पर काम करती है इसको थोड़ा आगे समझेंगे कि कैसे किसी मोटर का टॉर्क बढ़ा सकते हैं और कैसे मोटर की स्पीड को बढ़ा सकते हैं | अब यह जो दोनों डीसी मोटर है ना इनको यदि मैं हाथ से घूम आता हूं तो यह कुछ वोल्टेज और करंट जनरेट करेगी क्योंकि इनके अंदर परमानेंट मैग्नेट लगी हुई है फील्ड जनरेट करने के लिए सबसे पहले आप इस मोटर को देखो अंदर से इसके अंदर दोनों साइड में दो पोल लगे हुए हैं और यह दो पोल और कुछ नहीं तो परमानेंट मैग्नेट लगी हुई है |
आर्मेचर वाइंडिंग क्या है ?
इन दोनों चुम्बक का जो मैग्नेटिक फील्ड है वह बीच में जैसे मेरे पास में यह कील है तो इस फील्ड को मैं यदि इनके फील्ड के बीच में लेकर जाता हूं तो कोई भी मैग्नेट इस खेल को अट्रैक्ट कर लेगी क्योंकि यहां पर इनका फील्ड है अब यदि इस फील्ड को मैं इन दोनों पोल के बीच में घूमता हूं तो यह कील कुछ ना कुछ फोर्स को एक्सपीरियंस करेगी इस मैग्नेटिक फील्ड की वजह से और इसके अंदर कुछ ना कुछ वोल्टेज भी इंड्यूस होगा अब मैं यहां पर कील को तो घुमा नहीं सकता इसलिए हमने रूटर को डिजाइन किया और उसके अंदर वाइंडिंग कर दी जिसको हम आर्मेचर वाइंडिंग बोलते हैं
जब इस आर्मेचर को इन दोनों में मैग्नेटिक फील्ड के अंदर घूम आते हैं तो इसमें जो भी कंडक्टर लगे हुए हैं इनको कुछ ना कुछ यहां पर फोर्स फील होगा इन दोनों मैग्नेट की वजह से अब जैसा इस डायग्राम में देखो इधर नॉर्थ पोल है और इधर साउथ पोले और बीच में यह आर्मेचर घूम रहा है तू जो फील्ड लाइन होगी जिनको फ्लक्स लाइनें बोलते हैं वह नॉर्थ पोल से साउथ पोल की तरफ जाएगी और बीच में यह आर्मेचर घूमेगा तो यह फ्लक्स लाइन है जो आर्मेचर के कंडक्टर है उनको कट करेगी अब आर्मेचर के कंडक्टर को कट करेगी तो आर्मेचर के अंदर इनफ्लक्स लाइनों की वजह से आर्मेचर में वोल्टेज बनेगा होगा जिसको हम इस कमेंटेटर से कलेक्ट कर लेंगे
सिंक्रोनस जेनरेटर कैसे काम करता है ?
यह तो एक बेसिक प्रिंसिपल है छोटी मोटर का लेकिन जो बड़ा सिंक्रोनस जेनरेटर होता है वह कैसे इलेक्ट्रिसिटी जनरेट करता है प्रिंसिपल दोनों का सेम है उसको हम इंडक्शन मोटर की हेल्प से समझते हैं |
इंडक्शन जेनरेटर कैसे काम करता है ?
इंडक्शन मोटर का ऑपरेटर को देखो एकदम सॉलिड सिलैंडरिकल शेप में है और इस रूटर में कोई भी मैग्नेट नहीं है इस खेल को मैं पास में लेकर जा रहा हूं तो यह इसके नहीं चिपक रही है इसका मतलब इसमें कोई मैग्नेट नहीं है और मैंने कहा था कि जब तक मैग्नेटिक प्रॉपर्टीज नहीं आ जाती इस मोटर में तब तक यह जनरेटर का काम नहीं करेगी इसलिए आपने हमेशा इंडक्शन मोटर का नाम सुना है इंडक्शन जनरेटर का नाम आपने कभी नहीं सुना होगा क्योंकि इंडक्शन जेनरेटर प्रैक्टिकल नहीं होता है | उसके रोटर पर कोई भी फील्ड नहीं होता है अब मैं क्या करता हूं इस मोटर को जनरेटर बनाने के लिए इसके रोटर को मॉडिफाई करता हूं पहले परमानेंट मैग्नेट से फिर नॉन परमानेंट मैग्नेट से |
परमानेंट मैगनेट कैसे काम करती है ?
इस रोटर कि यदि में 90 डिग्री पर चार कट लगा दूं और फिर चारों कट के अंदर यदि मैं परमानेंट मैगनेट सेट कर दूं और फिर मैं इस रोटर को यह जो इंडक्शन मोटर का स्टार्टर है इसके अंदर घुमाता हूं तुम मुझे आउटपुट में वोल्टेज मिलेगा जितनी स्पीड से मैं इस को घुमाता हूं तीन-चार पोल के हिसाब से स्पीड का फंडा भी मैं थोड़ा सा आपको आगे समझा लूंगा कि हमें कितनी स्पीड पर इस को घुमाना है अब यह तो परमानेंट मैग्नेट का केस था लेकिन यदि मुझे बहुत बड़ा जनरेटर बनाना है तो मुझे परमानेंट मैगनेट नहीं टेंपरेरी मैग्नेट चाहिए जिसको जब मैं जाऊं तब मैग्नेटिक फील्ड जनरेट कर सकूं क्योंकि परमानेंट मैगनेट की लाइव ज्यादा नहीं होती तो कुछ टाइम बाद में रूटर में फिर से में न्यू मैग्नेट लगानी पड़ेगी अब इसी रोटर को मान लो मैं यह जो साइड में आप एक पिक देख रहे हो इसके हिसाब से मॉडिफाई कर देता हूं और यहां पर चारकोल बनाकर उसकी वाइंडिंग कर देता हूं और यह जो वाइंडिंग है उनको स्लिप रिंग के थ्रू डीसी सप्लाई देता हूं तो यह वाइंडिंग अपने आसपास में फील्ड जनरेट करें कि यहां पर डीसी सप्लाई इसलिए देते हैं क्योंकि डीसी सप्लाई कांस्टेंट होती है वह टाइम के साथ में वेरी नहीं करती है इसलिए इसका फिल्ड भी एकदम कांस्टेंट रहता है तो जब तक मैं सप्लाई दूंगा तब तक फील्ड रहेगा जब डीसी सप्लाई बंद तो फिर भी बंद हो जाएगा अब इस तरीके से मैं मॉडिफाई करके इसके रोटर को सेट कर देता हूं यह जो स्टेटर वाइंडिंग है इसके अंदर तो जब रोटर रोटर करेगा तू जो रोटर के अंदर फील्ड जनरेट हो रहा है वह रोटेट करेगा तो उसको रोटेटिंग मैग्नेटिक फील्ड बोल देते हैं और रोटेटिंग मैग्नेटिक फील्ड जनरेट होगा तो फ्लक्स जनरेट होगा क्योंकि जो मैग्नेटिक फील्ड की लाइनें हैं उन्हीं को तो फ्लेक्स बोलते हैं और यह फ्लेक्स कट करेगा यह जो स्टेटर वाइंडिंग है इसको और जब स्टेटर वाइंडिंग को कट करेगा तो स्टेटर वाइंडिंग के अंदर ईएमएफ इंड्यूस्ड होगा जिसको वोल्टेज भी बोलते हैं ना कितना आसान |
कार का अल्टरनेटर कैसे काम करता है ?
कार का अल्टरनेटर होता है उसके अंदर टेंपरेरी मैग्नेट का फील्ड होता है | यदि आप कार के अल्टरनेट को बाहर निकाल कर घूम आओगे तो वह कुछ भी बिजली जनरेट नहीं करेगा इसलिए कार के अल्टरनेटर को कार की बैटरी से पहले 12 वोल्ट की सप्लाई दी जाती है जिससे उसके अंदर फील्ड जनरेट होता है और फिर वह इलेक्ट्रिसिटी जनरेट कर पाएगा | अब यह मोटर तो सिंगल फेज की थी तो हमें सिर्फ एक फेज मिलेगा और एक न्यूट्रल वायर मिलेगा |
थ्री फेज के लिए इलेक्ट्रिसिटी जनरेट कैसे करते है ?
अब मान लो मुझे तो थ्री फेज के लिए इलेक्ट्रिसिटी जनरेट करनी है तू यह जो रूटर है ना यह तो ऐसा का ऐसा ही रहेगा इसमें तो कोई भी बदलाव नहीं होगा चार पोल रहेंगे और डीसी सप्लाई रहेगी लेकिन मुझे थ्री फेज के लिए यह जो स्टेटर वाइंडिंग है इसको मैं थोड़ा मॉडिफाई करता हूं | यह रोटर 360 डिग्री रोटेट करता है अब मेरे को थ्री फेज वाइंडिंग बनानी है तो इस 3 तारो की हेल्प से मैं आपको समझा देता हूं इनमें से एक वायर को लेकर इसको इधर लगाकर 1 डिग्री के एंगल पर दूसरी साइड में सेट कर दूंगा यानी इन दोनों के बीच में 120 डिग्री का एंगल होगा तो इस तरीके से एक वाइंडिंग बन जाएगी और इन दोनों वायर को बाहर निकालकर जॉइंट कर दूंगा अब दूसरी वाइंडिंग बनानी है तो यह जो 120 डिग्री डिग्री है ना यहां से लेकर इसे फिर 120 डिग्री डिग्री पर आगे चला जाऊंगा और वहां पर इसे सेट कर दूंगा और इसको भी बाहर निकालकर जॉइंट कर दूंगा और तीसरी वाइंडिंग के लिए यहां से लेकर यहां तक एक 120 डिग्री का एंगल बन जाएगा तो इस टाइप से तीसरी वाइंडिंग भी बन जाएगी और इसी टाइप इसको भी बाहर निकालकर जॉइंट कर दिया जाएगा तो यहां पर अब तीन वाइंडिंग बन गई है और इन तीनों वाइंडिंग को स्टेटर पर सेट किया जाता है रूटर पर नहीं और जब इन तीनों वाइंडिंग के बीच में यह रोटर घूमेगा तो यहां पर थ्री फेज निकलेंगे
जनरेटर से 220 वोल्ट और 50 हर्ट्ज़ की फ्रीक्वेंसी के लिए हमें कितनी स्पीड चाहिए ?
इसके लिए एक छोटा सा फार्मूला है –
यानी यदि हम 1508 पीएम की स्पीड पर इस जनरेटर को घुमाएंगे तो हमें सिंगल फेज के अंदर 220 वोल्ट और 50 वर्ष की फ्रीक्वेंसी मिलेगी और थ्री फेज वाइंडिंग होगी तो 3 फेस मिल जाएंगे | लेकिन सोचो कि हम एक विंड जनरेटर बना रहे हैं तो फिर जनरेटर की स्पीड ज्यादा नहीं होती है उस केस में तो क्या करेंगे इस केस में हम यहां पर नंबर ऑफ पोल्स को बढ़ा देंगे जैसे मैंने अभी चार पोल सेट किए थे तो अब मैं यहां पर 16 पोल सेट कर देता हूं | तो इसी फार्मूले की स्पीड से मुझे तो स्पीड मिलेगी वह मिलेगी 375 आरपीएम कि तुम मेरा तो जनरेटर यदि 375 आरपीएम की स्पीड पर घूमेगा तुम मुझे वही सेम टू सेम आउटपुट मिलेगा जो 4 पोल के अंदर मिल रहा था |
स्पीड और टॉर्क का फंडा क्या है ?
इसका एक सिंपल सा फार्मूला होता है –
मान लो मैं इस रोटर की स्पीड को बढ़ाता हूं पावर को कांस्टेंट रखता हूं तो टॉर्क मेरा क्या हो जाएगा कम हो जाएगा और यही इस मोटर के साथ में है इसकी स्पीड ज्यादा है और टॉर्क कम है | दूसरे केस में यदि मैं स्पीड को कम करता हूं तो टॉर्क बढ़ जाएगा और यह इस वाली मोटर के साथ में है इसका टॉर्क बहुत ज्यादा है लेकिन स्पीड कम है | तो आप कोई भी मोटर को रिवाइंडिंग करके उसकी स्पीड और टॉर्क को कम ज्यादा कर सकते हो तो इस तरीके से एक जनरेटर इलेक्ट्रिसिटी जनरेट करता है जो जनरेटर के पीछे इलेक्ट्रिसिटी जनरेट करने का प्रिंसिपल है उसकी हमने यहां पर बात की है |
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