कपैसिटर क्या है ? और कैपेसिटर कैसे काम करता है ?
आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताने जा रहे है की कपैसिटर क्या है ? कैपेसिटर कैसे काम करता है ? इसके काम क्या क्या है ? साथ ही हम कपैसिटर के प्रकार व अन्य महत्वपूर्ण जानकारियाँ आपके साथ साझा करेंगे | तो चलिए जानते है इसके बारे में |
इलेक्ट्रिक इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग
कैपेसिटर चार्ज तो स्टोर करता है पर यह बैटरी से किस टाइप से अलग है यह देखना जरूरी है क्योंकि ये बैटरी नहीं है फिर भी है चार्ज को स्टोर करता है वैसे यार यह क्या परसेंट है एकदम दुग्गल साहब जैसा है जानते हो कि दुग्गल साहब को तो इसका यूज इलेक्ट्रिक इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में तो फूल यूज़ होता है लेकिन हर जगह पर इसका अलग अलग इस्तेमाल है | जो हमारी बड़ी बड़ी ट्रांसमिशन लाइन होती है वहां पर इसके पैसे टका यूजर रिएक्टिव पावर को मैनेज करने में काम में लिया जाता है | जहां पर ट्रांसमिशन लाइन में संट और सीरीज के पैसे ट्रकों काम में लिया जाता है अच्छा यहां पर इस ट्रांसमिशन लाइन को मैनेज करने के लिए कैपेसिटर के साथ में इंडक्टर भी यूज़ होता है यह जो कैपेसिटर है यह कभी-कभी क्या करता है कि लाइन में रिएक्टिव पावर को इतना इंजेक्ट कर देता है कि लाइन और लोड हो जाती है तो इस कपैसिटर को हटाकर वहां पर रिएक्टर लगाया जाता है | यह रिएक्टर इंडक्टर ही होता है जो ट्रांसफार्मर जैसा ही होता है |
रिएक्टिव पावर मैनेज
उसके बाद में यदि आगे चले तो कैपेसिटर बैंक जो ग्रिड स्टेशन में रखी रहती है हमारे घरों में रिएक्टिव पावर को मैनेज करने के लिए उसमें भी कैपेसिटर यूज होता है | जो बड़े-बड़े सर्किट ब्रेकर होते हैं जो इन बड़े-बड़े ट्रांसमिशन लाइन को ओपन करते हैं उनमें भी कपैसिटर का यूज़ होता है वहां पर अलग तरीके से यूज होता है जैसे जब सर्किट ब्रेकर अपने कांटेक्ट को ओपन करता है तो सर्किट ब्रेकर के कांटेक्ट के बीच में आर्क निकलती है | और यह एक बहुत ही ज्यादा खतरनाक आर्क होती है क्योंकि यहां पर जब बड़ी लाइन को ओपन किया जाता है तो बहुत ज्यादा आग निकलती है | और इस आग को कंट्रोल करने के लिए इस सर्किट ब्रेकर के अंदर बहुत सारी गैसेस को छोड़ा जाता है और दूसरा तरीका है कपैसिटर | जब सर्किट ब्रेकर के कांटेक्ट ओपन होते हैं तो वहां पर बहुत ज्यादा करंट इकट्ठा हो जाता है और इस करंट को थोड़े से टाइम के लिए साइड में कैपेसिटर के अंदर स्टोर किया जाता है ताकि सर्किट ब्रेकर के कांटेक्ट को कोई ज्यादा नुकसान ना हो और फिर इस कपैसिटर के पास में एक रजिस्टेंस लगा रहता है उस रजिस्टेंस के थ्रू इस कपैसिटर को डिस्चार्ज किया जाता है|
सीलिंग फैन में कपैसिटर
वैसे मैं बता दूं रजिस्टेंस का कोई अलग काम नहीं होता है यह सिर्फ पावर को डीसी पेट ही करता है पावर को खाता ही है और हिट में बदल देता है हमारे फैन में यदि कपैसिटर नहीं होगा तो हमारा सीलिंग फैन कभी नहीं चलेगा क्योंकि कपैसिटर इस फैन के अंदर फेज डिफरेंस क्रिएट करता है | तब जाकर हमारा फैन चलता है तो सीलिंग फैन में कैपेसिटर का काम है फेज डिफरेंस क्रिएट करना यह जो पावर इलेक्ट्रॉनिक्स के सर्किट होते हैं इनमें भी इस कपैसिटर का यूज़ होता है एक डिवाइस होती है आपने देखी होगी जो हमारा फैन का रेगुलेटर होता है जो फैन की स्पीड को कंट्रोल करता है उसमें जो डिवाइस यूज होती है उसका नाम है एससीआर
एससीआर: सिलीकान कंट्रोल्ड रेक्टिफायर
एससीआर को हम कंट्रोल कर सकते हैं फैन की स्पीड कंट्रोल करते हैं वैसे तो जब हम इसको पावर इलेक्ट्रॉनिक सर्किट में काम में लेते हैं तो वहां पर डीसी सप्लाई होती है और डीसी सप्लाई में ही है एससीआर बंद नहीं होता है | इसको फोर्सफुली बंद किया जाता है | और वहां पर इस कपैसिटर का ही हाथ होता है यह कपैसिटर इस एससीआर को पूरी तरीके से बंद करता है वैसे उस सर्किट में और भी बहुत सारे इक्विपमेंट लगे रहते हैं लेकिन कपैसिटर भी उनमें से एक मेन कंपोनेंट है |
वैसे एससीआर तो मैंने एक एग्जांपल बताया डायोड ट्रांजिस्टर की है बंद तो हो जाते हैं लेकिन पूरी तरीके से बंद नहीं होते हैं इसलिए उनको कंपलीटली इनके अंदर जो भी चार्ज है उनको पूरा हटाने के लिए उस सर्किट में हम एक कैपेसिटर को यूज में लेते हैं ताकि यह जो भी ट्रांजिस्टर डायोड है इनको हम अच्छे से कंट्रोल कर सके और यह सही से काम करें अपनी फुल एफिशिएंसी के साथ में इसके अलावा कैपेसिटर का यूज पावर इलेक्ट्रॉनिक सर्किट में नॉइस को रिमूव करने में भी काम में लिया जाता है | इसीलिए मैंने कहा था कि यह कपैसिटर दुग्गल साहब है बहुत जगह पर इसके अलग-अलग रोल है
क्या यह कपैसिटर बैटरी की तरह काम कर सकता है?
हां यह एक बैटरी की तरह ही है | और बैटरी की तरह ही काम करता है बैटरी केमिकल एनर्जी टू इलेक्ट्रिकल एनर्जी में बदलती है और यह इलेक्ट्रिकल एनर्जी को स्टैटिक इलेक्ट्रिसिटी की फॉर्म में स्टोर करता है और फिर वापस इलेक्ट्रिकल एनर्जी में बदल देता है आई थिंक आपको स्टैटिक इलेक्ट्रिसिटी के बारे में तो पता ही होगा अब इस कपैसिटर जो चार्ज स्टोर करने की स्टोरी है वह एकदम सिंपल सी स्टोरी है |
कपैसिटर चार्ज स्टोर करने की स्टोरी
दो प्लेट के बीच में यह चार्ज को स्टोर करता है जो सुपरकैपेसिटर होता है वह एकदम बैटरी जैसा ही होता है देखने में नहीं काम करने में सुपरकैपेसिटर बैटरी की तरह ही काफी टाइम तक चार्ज करने के बाद में सप्लाई दे सकता है लेकिन यह महंगा भी ज्यादा आता है जो सुपरकैपेसिटर है उसका यह फायदा है कि हमारे पास में यदि अच्छी पावर है तो हम उसको 1 मिनट में फुल चार्ज कर सकते हैं और 1 घंटे तक लोड चला सकते हैं और हम चाहे तो उसको 10 घंटे तक भी फुल चार्ज कर सकते हैं इससे कैपेसिटी पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा लेकिन बैटरी में हम ऐसा नहीं कर सकते बैटरी अपनी लिमिट को क्रॉस नहीं कर सकती है इंडक्टर और कैपेसिटर दोनों चार्ज स्टोरिंग एलिमेंट है इंडक्टर का यूज़ कैपेसिटर से भी बहुत ज्यादा हर जगह इस्तेमाल होता है |
इंडक्टर कैपेसिटर का ऑपोजिट है कपैसिटर
जिन लोड के अंदर वाइंडिंग होती है जैसे हमारी मोटर है यह एक तरीके का इंडक्टर ही तो है | इंडक्टर कैपेसिटर का जस्ट ऑपोजिट है इंडक्टर के पावर को कंट्रोल करने के लिए कैपेसिटर का यूज में लिया जाता है और कैपेसिटी को कंट्रोल करने के लिए इंडक्टर का अब इन इंडक्टर और कैपेसिटर को यदि हम सर्किट थ्योरी में पड़ेंगे तो इनका भी है वे अलग टाइप का होगा वोल्टेज और करंट में यदि हम इनको पावर इलेक्ट्रॉनिक्स में पढ़ेंगे तो वहां पर इसका अलग यूज होगा वहीं पर इसको यदि हम पावर सिस्टम में बढ़ेंगे तो वहां पर हमें रिएक्टिव पावर वाला कंसेप्ट देखने को मिलेगा | और यदि हम सिगनल एंड सिस्टम में चले गए तो वहां पर इसका अलग ही काम होता है नॉइज़ को रिमूव करना फिल्टर्स में इसका यूज होता है तो इसका हर एक एप्लीकेशन में बहुत ही अलग रोल है तो उनको हम यहां पर डिस्कस नहीं कर सकते क्योंकि वह एक गहराई वाली इंजीनियरिंग है|
तो दोस्तों यह थी एक छोटी सी इंफॉर्मेशन | अगर आपको यह आर्टिकल पसंद आया हो तो कृपया इसे अपने दोस्तों के साथ साझा जरूर करे |
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